रेमडेसीवर इंजेक्शन के निजी अस्पताल वसूल रहे 5500 रुपए, MRP से कम पर देने को तैयार नहीं फाॅर्मेसी

Private hospital Charges Rs 50000 for Remedesiver injection, pharmacy not willing to sale less than MRP
रेमडेसीवर इंजेक्शन के निजी अस्पताल वसूल रहे 5500 रुपए, MRP से कम पर देने को तैयार नहीं फाॅर्मेसी
रेमडेसीवर इंजेक्शन के निजी अस्पताल वसूल रहे 5500 रुपए, MRP से कम पर देने को तैयार नहीं फाॅर्मेसी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना मरीजों के इलाज में रेमडेसीवर इंजेक्शन अहम है, लेकिन इसकी भारी-भरकम कीमत लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है। रेमडेसीवर इंजेक्शन को एमआरपी 4000 से 5500 रुपए में बेचा जा रहा है, जबकि यही इंजेक्शन महाराष्ट्र के नांदेड़, नाशिक, अकोला, जालना जैसे शहरों में कम प्राफिट पर 1200 से 1400 रुपए में मरीजों को दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार दवा  निर्माताओं द्वारा अस्पतालों को 900 से 1050 रुपए में इंजेक्शन दिए जा रहे हैं, लेकिन निजी अस्पताल एमआरपी पर बेच रहे हैं। इस संबंध में अन्न व औषधि विभाग से बात करने पर बताया गया कि विभाग द्वारा अस्पतालों की फॉर्मेसी से अनुरोध किया गया है कि कम से कम प्रॉफिट लेकर मरीजों को इंजेक्शन उपलब्ध कराएं, ताकि लोगों को राहत मिल सके।

केस-1

एक मरीज के परिजन ने बताया कि उन्होंने अपने घर के सदस्यों को पॉजिटिव होने पर निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। जब बिल बना, तो रेमडेसीवर इंजेक्शन के चार्जेस में कोई रियायत नहीं दी गई। जब अस्पताल प्रशासन से इस बारे में चर्चा की तो, उनका कहना है एमआरपी रेट पर ही इंजेक्शन मिलेगा।

केस-2

एक व्यक्ति ने बताया कि उसके कोरोना मरीज के उपचार के लिए अस्पताल की फॉर्मेसी से 4700 रुपए का इंजेक्शन दिया गया। जब एमआरपी से कम रेट पर मांग की, तो अस्पताल ने साफ इनकार कर दिया। जब उसने कहा कि बाहर से वह इंजेक्शन खरीद कर लाता है, तो डॉक्टर ने मरीज की अंडरटेकिंग लेने को कहा। वे मरीजों के रिश्तेदारों को डरा भी रहे हैं। इसलिए मजबूरन ज्यादा दाम देकर इंजेक्शन खरीदना पड़ा। 

केस-3

एक व्यक्ति ने बताया कि उसके पूरे परिवार को कोरोना हुआ था। माता-पिता की हालत क्रिटिकल होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी मां को 5 रेमडेसीवर लगाए गए। एक का चार्ज 5400 रुपए है। कुल 27000 रुपए में सभी इंजेक्शन पड़े। जबकि आसपास के राज्यो में रेमडेसीवर 1200 से 1400 रुपए में उपलब्ध हैं।

अस्पतालों की फाॅर्मेसी से अनुरोध किया है

पी. एम. बल्लाल, सहायक आयुक्त अन्न एवं औषधि विभाग के मुताबिक रेमडेसीवर इंजेक्शन पर एमआरपी दी हुई है। हमने अस्पताल की फॉर्मेसी से अपील की है कि वे कम प्रॉफिट रखकर इंजेक्शन दें। इसके लिए हमारे विभाग की ओर से अस्पतालों को मेल किया गया है। एमआरपी पर बेचना गुनाह नहीं है, लेकिन कोरोना महामारी जैसे कठिन समय में फार्मेसी से विभाग अनुरोध कर रहा है कि मरीजों से कम प्रॉफिट लें। जल्द ही रेमडेसीवर का रेट कम होने वाला है।

मरीजों की मदद करें

अजय सोनी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय फॉर्मासिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के मुताबिक कोरोना जैसी गंभीर स्थिति में महाराष्ट्र के अनेक अधिकारियों एवं दवा व्यापारियों ने आपस में मिलकर दवाओं में विशेष रूप से रेमडेसीवर को 1200 से 1400 रुपए में देने का निश्चित किया है, फिर भी शहर में ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दिया है। हमारा सभी अस्पताल एवं व्यापारियों से कहना है कि शहर में अनेक राज्यों के मरीज आते हैं और उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती है। इसलिए रेमडेसीवर 1200 में दिया जाना चाहिए। 


 

Created On :   28 March 2021 1:14 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story