टेमीफ्लू के लिए भटकता रहा युवक, निजी अस्पताल ने किया इलाज से इंकार

Private hospital refuses treatment for swine flu in jabalpur
टेमीफ्लू के लिए भटकता रहा युवक, निजी अस्पताल ने किया इलाज से इंकार
टेमीफ्लू के लिए भटकता रहा युवक, निजी अस्पताल ने किया इलाज से इंकार

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पूरे प्रदेश में स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए कैंप लगाए जा रहे है। अस्पतालों को भी बेहतर इलाज के लिए निर्देशित किया गया है। बावजूद इसके मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कई मौत के बाद भी इस बीमारी को लेकर जो संवेदनशीलता बरती जानी चाहिए वह कहीं दिखाई नहीं दे रही है। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल यानी मेडिकल कॉलेज में बीती रात एक मरीज का अटैंडर अपने लिए टेमीफ्लू तलाशता रहा,लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। अस्पताल में दवाई न होने का बहाना बनाया गया तो वह दवा दुकानों में पहुंचा पर कहीं भी उसे दवा नहीं मिल पाई। 

दरअसल रीवा से आए एक युवक ने बताया कि उसकी मां का उपचार रीवा अस्पताल में चल रहा था। जांच के बाद जब पता चला कि मरीज को स्वाइन फ्लू है तो उसे जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। यहां युवक की मां को तो भर्ती कर लिया गया, लेकिन युवक को टेमी फ्लू नहीं दी गई। बताया गया कि स्टॉक खत्म हो गया है और जिला अस्पताल की टीम आती है वह दवाईयां देती है। परेशान युवक ने करीब 20 दुकानों पर दवाई की तलाश की,लेकिन उसे कहीं भी दवाई नहीं मिली। दवा मार्केट की एक दुकान में उसे कुछ टेमीफ्लू मिलीं तब वह वापस अस्पताल पहुंचा। गौरतलब है कि एक पखवाड़ा पहले ही भोपाल से सूचना जारी की गई कि टेमीफ्लू दवाई अब दवा दुकानों में उपलब्ब्ध कराई जाएगी ताकि किसी को परेशानी न हो। जिस भी मरीज को स्वाइन फ्लू हो रहा है उसके अटैंडर यानी जो भी मरीज के साथ रात-दिन रह रहा है उसे भी टेमीफ्लू की खुराक दिए जाने के निर्देश हैं,लेकिन आदेशों को अनसुना किया जा रहा है।

नहीं कर पाएंगे इलाज
वहीं शहर के एक निजी अस्पताल में संजीवनी नगर निवासी एक महिला का उपचार किया जा रहा था। चिकित्सकों ने स्वाइन फ्लू जांच के लिए सेंपल भिजवाया और आज वह पॉजिटिव पाया गया तो उपचार कर रहे नामी चिकित्सक ने कहा कि आप मरीज को किसी और अस्पताल ले जाएं। महिला के पुत्र ने कहा कि इतने दिनों से इलाज यहीं चल रहा है तो अब कहीं और क्यों ले जाएं। आप इलाज करो तो कहा गया कि हमारे पास सुविधाएं नहीं हैं। 

भटकता रहा युवक
युवक ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पता किया तो कहा गया कि यहां बेड खाली नहीं है और न ही वेंटीलेटर बचे हैं। इसके बाद युवक ने एक अन्य निजी अस्पताल में संपर्क किया तो कहा गया कि हमारे अस्पताल में सेंट्रलाईज्ड एयरकंडीशनर है और इसके कारण अन्य मरीजों को भी बीमारी लग जाएगी। एक दूसरे अस्पताल में पता किया गया तो कहा गया कि वेंटीलेटर खाली नहीं है। निजी अस्पताल वाले मामले में मरीज के परिजनों ने सीएमओ डॉ. मुरली अग्रवाल से संपर्क किया और उन्हें पूरी जानकारी दी तब जाकर उनकी समस्या दूर हुई। 

Created On :   9 Sep 2017 2:24 AM GMT

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