निजी अस्पतालों में कोविड टेस्ट का अपना नजरिया, खुद का रेपिड या ट्रूनॉट पर भरोसा, पर मरीजों के लिए आरटीपीसीआर जरूरी

Private hospitals have their own view of Covid test, trust in own Rapid or TruNot
निजी अस्पतालों में कोविड टेस्ट का अपना नजरिया, खुद का रेपिड या ट्रूनॉट पर भरोसा, पर मरीजों के लिए आरटीपीसीआर जरूरी
निजी अस्पतालों में कोविड टेस्ट का अपना नजरिया, खुद का रेपिड या ट्रूनॉट पर भरोसा, पर मरीजों के लिए आरटीपीसीआर जरूरी

डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर के एक निजी अस्पताल में सेवाएँ देने वाले नेफ्रालॉजिस्ट सहित उनके स्टाफ के कई सदस्यों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अब वहाँ नियमित तौर पर डायलिसिस कराने वाले किडनी मरीजों की मुसीबत बढ़ गई है। अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का भी इलाज हो रहा है, वहाँ आरटीपीसीआर के अलावा ट्रूनॉट व रेपिड एंटीजन किट की जाँच में संक्रमित आने वालों को भर्ती किया जा रहा  लेकिन अपने नियमित डायलिसिस वाले मरीजों को सिर्फ आरटीपीसीआर जाँच के लिए ही कहा गया है। मरीज परेशान हैं, वहीं प्रबंधन का कहना है कि ट्रूनॉट और रेपिड किट के रिजल्टों में गड़बड़ी आ रही है इस कारण आरटीपीसीआर टेस्ट कराने कहा जा रहा है।
रिजल्ट में गड़बड़ी की गुंजाइश कम, रेपिड किट में भी परिणाम की प्रामाणिकता
दूसरी ओर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रत्नेश कुररिया का कहना है कि ट्रूनॉट टेस्ट में पॉजिटिव के बाद उसकी कंफर्मेटरी जाँच होती है इसमें गलत परिणाम की गुंजाइश काफी कम है, वहीं रेपिड किट में भी परिणाम की प्रामाणिकता है। किट में सिर्फ उसी स्थिति में आरटीपीसीआर की जरूरत होती है जब कोविड के लक्षण होने के बाद भी रिजल्ट निगेटिव आए, तब आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जा रहा है। आरटीपीसीआर टेस्ट सबसे सटीक है, बाकी ट्रूनॉट और रेपिड किट को भी आईसीएमआर ने मान्य किया है। उनका कहना था कि यदि आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में देर होती है तो  ट्रूनॉट या रेपिड किट परिणाम के आधार पर डायलिसिस किया जाए तथा रिपोर्ट आने पर मरीज उसे अस्पताल में बताए। प्रबंधन का कहना है कि आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट नहीं आने तक मरीज का डायलिसिस किया जाएगा, लेकिन उसे कराना जरूरी है।


 

Created On :   21 Aug 2020 2:29 PM IST

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