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विमुक्तजाति दिवस के अवसर पर छतवई विद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन
डिजिटल डेस्क,शहडोल। घुमक्कड़ जातियां पौराणिक समय से अस्थायी रूप से भ्रमण कर अपना जीवन यापन करती चली आ रही है। वर्तमान में इनमें से कुछ जातियों ने पढ़ लिखकर स्थायित्व घर व जमीन बना लिया है परन्तु आज भी इस वर्ग के कई लोग घुमक्कड़ जीवन व्यतीत कर रहे है। उक्त बातें विमुक्त जाति दिवस के अवसर पर घुमन्तू एवं अद्र्ध घुमन्तू कल्याण एवं पिछड़ा वर्ग विभाग के सौजन्य से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छतवई में आयोजित कार्यक्रम में घुमक्कड़ जाति शहडोल के अध्यक्ष मन्ना नायक ने कही।
उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों के बच्चों की पढाई एवं भविष्य पर शासन को विशेष रुप से ध्यान देने और रोजगार देकर स्थायित्व प्रदान करने की जरुरत है। आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त आनंद राय सिन्हा ने कहा कि सदियों से हमारे देश में कुछ जातियां अस्थायी तौर पर घूम-घूमकर अपना जीवन यापन कर रही हैं जिनकी बहुल्ता सबसे ज्यादा राजस्थान प्रांत में है। उन्होंने बताया कि देश में कुल 51 प्रकार की जातियां जिनमें सभी वर्ग के लोग शामिल हैं, जिन्हे विमुक्त घुमक्कड़ के रूप में चिन्हित किये गए हैं। इस अवसर पर नायक एवं बंजारा सामुदाय के छात्र-छात्राओं द्वारा पौराणिक परिधान पहन कर फैन्सी ड्रेस प्रतियोगिता में भागीदारी निभाई। कार्यक्रम में सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग आशा द्विवेदी, विद्यालय की प्राचार्य अर्चना खरे व निधि शुक्ला सहित बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
Created On :   1 Sept 2022 1:38 PM IST