फाइलों में गुम गया लेपर्ड सेंचुरी का प्रोजेक्ट

Project of Leopard Century lost in files
फाइलों में गुम गया लेपर्ड सेंचुरी का प्रोजेक्ट
फाइलों में गुम गया लेपर्ड सेंचुरी का प्रोजेक्ट

ठाकुरताल में तेंदुओं के मूवमेंट के बाद पिछले साल बनाया गया था प्लान, अधिकारियों के बदलते ही दफन हो गई योजना
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
जबलपुर में आयुध निर्माणी से लगा ईडीके और डुमना के जंगल में तेंदुओं की पुरानी बसाहट है। नए हाईवे के निर्माण व पहाडिय़ों के कटाव के बाद इस जंगल की कनेक्टिविटी बाँधवगढ़ से कान्हा के बीच होने से तेंदुओं का नया कॉरिडोर तैयार हुआ है। नवम्बर 2019 में तेंदुओं का मूवमेंट मदन महल और ठाकुरताल की पहाडिय़ों तक फैलने के बाद वन विभाग और जिला प्रशासन ने ठाकुरताल में लेपर्ड सेंचुरी बनाने का प्लान बनाया था। इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य शासन के साथ केन्द्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय तक पत्राचार भी हुआ। वाइल्ड लाइफ और देश के जाने-माने वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने दौरे भी किए, ऐसा लग रहा था कि जबलपुर को लेपर्ड सेंचुरी के रूप में बड़ी सौगात मिल सकती है, लेकिन समय बीतने के साथ यह प्लान भी फाइलों में दफन होकर रह गया। कलेक्टर के साथ वन मंडल अधिकारी बदल गए और अब जवाबदार लोग इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नवम्बर 2019 में एमपीईबी स्थित नयागाँव सोसायटी के रहवासी इलाके में तेंदुओं का मूवमेंट होने से दहशत का माहौल बन गया था। जनवरी 2020 से मई तक क्षेत्र के लोगों की लगातार शिकायतों के बाद वन विभाग ने ट्रैप कैमरों के साथ पिंजरे भी लगाए थे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिलने के बाद तत्कालीन कलेक्टर भरत यादव, सीसीएफ आरडी मेहला, डीएफओ रविन्द्रमणि त्रिपाठी ने ठाकुरताल से मदन महल की अतिक्रमण मुक्त हुई पहाडिय़ों में राजस्थान के जयपुर की तर्ज पर लेपर्ड सेंचुरी और वन्य जीवों के इलाज के लिए सेंटर विकसित करने का प्रोजेक्ट बनाया था। इसमें शहर के अलावा राष्ट्रीय स्तर के वन्य प्राणी विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया था। मामला कागजी कार्रवाई से शुरू होकर प्रशासनिक मंजूरी के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों तक भी भेजा गया था।
पाँच किमी का एरिया 30 फीट लंबी फेंसिंग से होता कवर्ड7 तेंदुओं के साथ अन्य शिकारी जानवरों का मूवमेंट नयागाँव सोसायटी और एमपीईबी के सरकारी भवनों में न हो, इसके लिए ठाकुरताल से मदन महल पहाड़ी के पाँच किलोमीटर के एरिए को 30 फीट लंबी लोहे की फेंसिंग से कवर्ड करने का निर्णय भी लिया गया था।
ट्टठाकुरताल में नगर वन को विकसित किया गया है, लेपर्ड सेंचुरी के प्रोजेक्ट के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। 
-अंजना सुचिता तिर्की डीएफओ, जबलपुर वन मंडल
लेपर्ड सेंचुरी के लिए आइडियल जगह7 लेपर्ड सेंचुरी प्रोजेक्ट को लेकर वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञों ने ठाकुरताल में निरीक्षण किया था। पहाड़, जंगल और मैदान के साथ पर्याप्त शिकार, पानी की सुगमता और तेंदुओं के रहवास से जुड़े सभी जरूरी माहौल होने के बाद ठाकुरताल को लेपर्ड सेंचुरी के लिए आइडियल जगह माना गया था। कई स्तरों के रिसर्च के बाद प्रशासन की तरफ से इस प्लान की फाइल केन्द्र व राज्य सरकारों को भेजी गई थी। 

Created On :   3 March 2021 1:59 PM IST

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