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स्टेट बार काउंसिल की योजना की राशि का विरोध शुरु
डिजिटल डेस्क जबलपुर । कोरोना संकट में घोषित लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से स्टेट बार काउंसिल द्वारा बनाई गई योजना में दर्शाई गई राशि को लेकर वकीलों में विरोध की शुरुआत हो गई है। सरकार द्वारा मदद के लिए दो करोड़ रुपए दिए जाने की घोषणा के बाद वकीलों ने मांग की है कि योजना हर जरूरतमंद अधिवक्ता तक पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि पैकेज की राशि में बढ़ोत्तरी की जाए।
स्टेट बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष शिवेन्द्र उपाध्याय के अनुसार दो करोड़ रुपए की राशि आने के बाद झगड़े शुरु हो जाएंगे। हर बार एसोसिएशन में आधे सदस्य जरूरतमंद है। उनका दावा है कि उक्त योजना जल्दबाजी में बन गई है इसलिए इसमें सुधार की आवश्यकता है। ऐसे में योजना पर पुनर्विचार करके ऐसी स्कीम बनाई जाए, जो सर्वमान्य और अविवादित हो। वहीं स्टेट बार काउंसिल के पूर्व सदस्य आरके सिंह सैनी ने कहा है कि प्रदेश के 57 हजार वकीलों की संख्या में देखते हुए
2 करोड़ रुपए की राशि ऊंट के मुंह में जीरा है। जरूरतमंद अधिवक्ताओं को देखते हुए यह राशि बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए किया जाना चाहिए। वहीं जिला बार के पूर्व सचिव मनीष मिश्रा ने कहा है कि यह योजना वकीलों के लिए सिर्फ छलावा ही नहीं, बल्कि इससे वकीलों में आपस में संघर्ष शुरु हो जाएगा। उनका कहना है कि योजना का अभी पहला चरण है और वकीलों को राहत मिलने में काफी वक्त लगने की संभावना है। कांग्रेस लीगल सेल के अध्यक्ष श्याम सुन्दर सिंह यादव ने इस योजना के तहत जबलपुर के 10 हजार वकीलों में से सिर्फ 60 को राहत मिलने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि संख्या को देखते हुए योजना की राशि तय होना चाहिए।
Created On :   1 May 2020 2:47 PM IST