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विरोध : विदर्भ राज्य आंदोलन समिति 26 को करेगी प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी कर गोरेवाड़ा प्राणी संग्रहालय को स्व. बालासाहब का नाम दिया है। विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने निर्णय वापस लेने की मांग की है। समिति के पदाधिकारी राम नेवले ने मानेवाड़ा रोड पर जनसंपर्क अभियान में कहा कि सरकार हमारी बात मान ले, अन्यथा 26 जनवरी को उद्घाटन कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शन करेंगे। मालूम हो कि 26 जनवरी को प्रकल्प का उद्घाटन किया जाएगा।
जनता बर्दाश्त नहीं करेगी
नेवले ने कहा कि स्व. बालासाहब ठाकरे हमेशा विदर्भ विरोधी रहे। विदर्भ के प्राणी संग्रहालय को उनका नाम देकर विदर्भ की अस्मिता को चोट पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। महाराष्ट्रवादी नेताओं की भूमिका हमेशा विदर्भ विरोधी रही है। विदर्भ की जनता अब जान चुकी है। भविष्य में विदर्भ की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
मांग में इसलिए दम
उन्होंने कहा कि गोरेवाड़ा में गोंड समुदाय की बस्ती रही है। गोरेवाड़ा तालाब के उत्खनन में यह सामने आ चुका है। गोरेवाड़ा प्राणी संग्रहालय को गोंडवाना प्राणी संग्रहालय नाम देकर गोंडी संस्कृति का सम्मान किया जा सकता है। अन्यथा विदर्भ के किसी नेता अथवा महापुरुष का नाम देने पर विदर्भ की जनता इसका स्वागत करेगी। स्व. बालासाहब का नाम विदर्भ की जनता को कदापि मान्य नहीं है।
इसी क्रम में महावितरण के जबर्दस्ती से बिल वसुूली के लिए शक्कर कारखाने, अधिकारी व कर्मचारियों को कमीशन एजेंट नियुक्त करने की नीति का भी विरोध किया। सरकार के इन निर्णयों को जनविरोधी करार देते हुए सड़क पर उतरकर आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी। सभा में युवा आघाड़ी अध्यक्ष मुकेश मासूरकर, अरुण केदार, गुलाबराव धांडे ने विचार व्यक्त किए। जनसंपर्क अभियान में रेखा निमजे, नितीन अवस्थी, राजेंद्र सतई, प्रशांत मूले, शोभा येवले, नरेश नीमजे, ज्योति खांडेकर, शैलेश धर्माधिकारी, कांचन करंगले, विजय मौंदेकर, रोशन कुबड़े आदि उपस्थित थे।
कांग्रेस ने भी कहा- गोरेवाड़ा को गोंडवाना नाम दें
गोरेवाड़ा अंतरराष्ट्रीय उद्यान को बालासाहब ठाकरे का नाम देने पर आदिवासी संगठनों के बाद अब कांग्रेस ने भी विरोध जताया। पार्टी के महासचिव व पूर्व नगरसेवक सुभाष मसराम ने पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत को दिए निवेदन में कहा कि गोरेवाड़ा प्राणी संग्रहालय को बालासाहब ठाकरे का नाम देने से विदर्भ और विदर्भ के बाहर समस्त आदिवासी समाज इसका विरोध कर रहा है। राज्य भर में इसके विरोध में आदिवासी संगठन आंदोलन कर रहे हैं। यह जनाक्रोश ध्यान में रखकर सरकारी निर्णय तत्काल रद्द करें और गोरेवाड़ा प्राणी संग्रहालय को गोंडवाना अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय गोरेवाड़ा, नागपुर नाम दिया जाए। अन्यथा तीव्र आंदोलन किया जाएगा इस अवसर पर सुरेश कुंभरे, बी.के. गावराने, भीमराज पेंदाम, रमेश पेंदाम, राजेंद्र मरसकोल्हे, मंजू इवनाते आदि उपस्थित थे।
Created On :   25 Jan 2021 1:57 AM IST