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मप्र में जुआ, शर्त,लॉटरी और हॉर्स रेसिंग पर जीएसटी लगाने का प्रावधान हुआ
डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्य प्रदेश में शर्त यानि बेटिंग, जुआ यानि गेम्बलिंग, लॉटरी और हॉर्स रेसिंग पर जीएसटी लगाने का नया प्रावधान किया गया है। ये चारों अभी प्रदेश में प्रभावशील तो नहीं हैं,लेकिन यदि राज्य सरकार ने इन्हें करने की अनुमति दी तो इन पर जीएसटी वसूल किया जाएगा।
भारत सरकार द्वारा पिछले साल पूरे देश में जीएसटी लागू करने के बाद मप्र सरकार ने 22 जून,2017 को राज्य जीएसटी नियम बनाए थे। सात माह बाद इन नियमों में नया संशोधन लाकर उसे प्रभावशील किया गया है। इसमें अब लॉटरी, बेटिंग, गेम्बलिंग और हॉर्स रेसिंग पर जीएसटी लगाने का प्रावधान जोड़ा गया है। नवीन प्रावधान के अनुसार, अब यदि राज्य सरकार लॉटरी प्रारंभ करती है तो उस पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा। यदि राज्य सरकार किसी को लॉटरी निकालने के लिए अधिकृत करती है तो उस पर 28 प्रतिशत जीएसटी जारी की गई लॉटरी के कुल मूल्य पर लगाया जाएगा। इसी प्रकार, शर्त, गेम्बलिंग और हॉर्स रेसिंग पर सौ प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा।
गौरतलब है कि 5 मार्च,1990 से 15 दिसम्बर,1992 तक की राज्य की भाजपा सरकार में रहे मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने अवैध सट्टा बाजार रोकने के लिए लॉटरी की शुरुआत की थी, परन्तु जब कुछ ही माह में इसकी जमकर चौतरफा आलोचना हुई तो उन्होंने अध्यादेश लाकर इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। कांग्रेस शासनकाल में अर्जुन सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में चुरहट बाल लॉटरी जारी हुई थी जिस पर भाजपा की आलोचना के कारण इस पर जांच आयोग बनाया गया था। दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में खजुराहों में कैसिनों खोले जाने के प्रयास हुए थे जिसे विपक्ष की आलोचना के कारण प्रारंभ करने की अनुमति नहीं दी गई थी।
एनएस मरावी संचालक वाणिज्यिक कर इंदौर का कहना है कि लॉटरी, बेटिंग, गेम्बलिंग और हॉर्स रेसिंग के संबंध में ऑल इंडिया रुल्स हैं जिसके कारण हमे भी अपने राज्य नियमों में इसका प्रावधान करना पड़ा है। कुछ राज्यों में ये चलती भी हैं। हमारे मप्र राज्य में तो इनकी अनुमति नहीं है परन्तु यदि मप्र सरकार ने इन्हें आगे शुरु किया तो इस पर जीएसटी वसूला जाएगा।
Created On :   28 Jan 2018 3:34 PM IST