यौन अपराधों में मृत्युदंड का प्रावधान, झूठी शिकायत पर तीन साल की सजा

Provision of death penalty in sexual offenses, three years imprisonment on false complaint
यौन अपराधों में मृत्युदंड का प्रावधान, झूठी शिकायत पर तीन साल की सजा
शक्ति विधेयक विधानसभा में पेश यौन अपराधों में मृत्युदंड का प्रावधान, झूठी शिकायत पर तीन साल की सजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों में अपराधियों से कड़ाई से निपटने के लिए बुधवार को विधानसभा में संशोधित शक्ति कानून विधेयक पेश किया गया। गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि जानकारों और आमलोगों के सुझाव के आधार पर मामले में गठित विधानमंडल की संयुक्त समिति ने कुछ सुधार प्रस्ताव पेश किए। विधेयक में जघन्य यौन अपराधों के मामलों में मृत्युदंड का भी प्रावधान है।दुष्कर्म के मामलों में सश्रम कारावास के साथ बेहद भयानक वारदातों में मृत्युदंड का भी प्रावधान होगा। फौजदारी प्रक्रिया की धारा 100 में सुधार कर यौन उत्पीड़न के मामलों में पंच के तौर पर दो जनप्रतिनिधि या महिला एवं बाल कल्याण विभाग की मान्यता प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ताओं को पंच के तौर पर नियुक्ति कर बाल न्यायालय के आदेश के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। 

मोबाईल डाटा न देने पर सेवा प्रदाता कंपनी को सजा-जुर्माना 

नए प्रस्तावों के तहत अपराध की जांच के दौरान मोबाइल डाटा समय पर उपलब्ध न कराने पर सेवा प्रदाता को तीन साल कैद या 25 लाख रुपए जुर्माना अथवा दोनों सजाओं का प्रस्ताव रखा है। जबकि इससे पहले एक साल कैद का ही प्रस्ताव था। इसके लिए कानून में नई धारा 175 क जोड़ी गई है। झूठी शिकायत या जानकारी पर भी एक से तीन साल तक की सजा और एक लाख रुपए तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है। झूठी शिकायत पर पहले जमानत न दिए जाने का प्रस्ताव था लेकिन लोगों के सुझाव को देखते हुए समित ने यह प्रस्ताव हटाने का फैसला लिया है। इसके लिए भी नई धारा 182 क प्रस्तावित है। 

एसिड हमला करने वाले को आजीवन कारावास

एसिड हमलों को लेकर धारा 326 में भी बदलाव का प्रस्ताव है। अब आरोपियों को न्यूनतम 15 साल कैद से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा के साथ आर्थिक दंड का भी प्रावधान किया गया है। एसिड हमले की शिकार महिला के उपचार, प्लास्टिक सर्जरी आदि का खर्च भी जुर्माने के रुप में वसूले गए पैसे से भरा जाएगा।

डिजिटल माध्यमों से धमकी देने वालों को सजा

इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अभद्र संदेश भेजने, बदनामी करने और धमकी देने वालों के खिलाफ धारा 354 ड के तहत सजा का प्रावधान किया गया है। ऐसा करने वाले महिलाओं, पुरुषों के साथ किन्नरों के लिए भी सजा का प्रावधान किया गया है। 

शीतसत्र में पारित करने की कोशिश

गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने विधानसभा में रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि राज्य की सामाजिक संस्थाओं, महिला संगठनों, अलग-अलग पार्टियों के विधायकों के साथ बातचीत के बाद उनके सुझावों के आधार पर कुछ बदलाव करने का फैसला किया गया है। सरकार की कोशिश है कि शीत सत्र के दौरान ही शक्ति कानून को दोनों सदनों की मंजूरी दिला दी जाए।    
 

Created On :   22 Dec 2021 8:34 PM IST

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