शिक्षण संस्थानों पर भी लागू होंगे ईएसआई एक्ट के प्रावधान - दखल से हाईकोर्ट का इंकार

Provisions of ESI Act will also apply to educational institutions - High court refuses to interfere
शिक्षण संस्थानों पर भी लागू होंगे ईएसआई एक्ट के प्रावधान - दखल से हाईकोर्ट का इंकार
शिक्षण संस्थानों पर भी लागू होंगे ईएसआई एक्ट के प्रावधान - दखल से हाईकोर्ट का इंकार

डिजिटल डेस्क जबलपुर । मप्र हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थाओं को भी ईएसआई के दायरे में लाए जाने की संवैधानिकता को चुनौती देने वाले मुद्दे पर दखल से इंकार कर दिया है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए याचिकाकर्ता कॉलेज को स्वतंत्रता दी है कि वो ईएसआई एक्ट में दिए गए अपील के प्रावधान के तहत संबंधित अधिकारी के समक्ष अपनी बात रखे।
यह याचिका हवाबाग वूमन्स कॉलेज व अन्य की ओर से वर्ष 2017 में दायर की गई थी। इस याचिका में 9 मई 2011 और 28 मई 2011 को जारी उन अधिसूचनाओं की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी, जिसके जरिए शिक्षण संस्थाओं को भी ईएसआई के दायरे में लाने का प्रावधान किया गया था। आवेदकों का दावा था कि ये प्रावधान भारतीय संविधान में दिए गए अधिकारों का उल्लंघन है, इसलिए उन्हें खारिज किया जाए। अपने फैसले में युगलपीठ ने कहा कि सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के पैरोकार ये नहीं बता सके किस तरह दोनों अधिसूचनाएं असंवैधानिक हैं। इस मत के साथ युगलपीठ ने अधिसूचनाओं को असंवैधानिक घोषित करने से इंकार कर दिया।
हालांकि याचिकाकर्ता से की जाने वाली वसूली को लेकर अनावेदकों की ओर से कहा गया कि इस मुद्दे पर कानून में अपील का प्रावधान है। युगलपीठ ने
न्यायहित में याचिकाकर्ताओं को 30 दिनों के भीतर सक्षम अधिकारी के समक्ष अपील दायर करने की स्वतंत्रता देकर याचिका का निराकरण कर दिया। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अजय गुप्ता, ईएसआई की ओर से अधिवक्ता संजीव तुली और एक अन्य अनावेदक की ओर से अधिवक्ता प्रवीण कुमार चतुर्वेदी ने पक्ष रखा।
 

Created On :   28 Nov 2019 1:38 PM IST

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