अकोला में तीसरी बार अतिवृष्टि : 42 हजार हेक्टेयर खरीफ तबाह

Rainfall for the third time: 42 thousand hectares destroyed in Kharif
अकोला में तीसरी बार अतिवृष्टि : 42 हजार हेक्टेयर खरीफ तबाह
संकट अकोला में तीसरी बार अतिवृष्टि : 42 हजार हेक्टेयर खरीफ तबाह

डिजिटल डेस्क, अकोला। जिले में इस मानसून सीजन में यह तीसरा दौर था जब अतिवृष्टि के कहर ने फिर एक बार जिले में खरीफ की फसलों को तबाह करके रख दिया है। कृषि व राजस्व विभाग ने अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जो प्राथमिक अनुमान लगाया है उसके अनुसार जिले में सोयाबीन व कपास का लगभग 42 हजार हेक्टेयर नुकसान हुआ है। नुकसान का अनुपात तेल्हारा, मूर्तिजापुर, बालापुर व अकोट तहसील में सबसे अधिक है। इससे पूर्व 21 जुलाई को हुई अतिवृष्टि के कारण जिले में 1 लाख 31 हजार हेकटेयर में फसलें बर्बाद हुई थी। इस नुकसान की मद में जिले के किसानों को अनुदान की पहली किश्त जो कि 84 करोड़ 26 लाख की है अभी खाते में भी नहीं पहुंची थी कि यह कहर बरपा गया। जिसमें और 42 हजार से अधिक हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है। इसके अलावा सूखी हुई सोयाबीन जो बिकने के लिए तैयार थी यह नुकसान अलग से है जिसका अनुमान नहीं लगाया जा सका है।

सर्वेक्षण के बाद बढ़ सकता है नुकसान
हाल ही में हुई बारिश के बाद किए जा रहे सर्वेक्षण में कृषि विभाग को पातूर, अकोला एवं बार्शिटाकली तहसीलों में फसलों के अधिक नुकसान नहीं नजर आए अलबत्ता मूर्तिजापुर तहसील के लगभग 32 गांवों में कपास तथा सोयाबीन मिलाकर लगभग 750 हेक्टेयर क्षेत्र बाधित पाया गया है। इसी प्रकार सर्वाधिक नुकसान बालापुर तहसील में हुआ है यहां 37 गांवों में कपास तथा सोयाबीन समेत लगभग साढ़े दस हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसल बाधित हाेने का प्राथमिक अनुमान लगाया गया है। अकोट तहसील के लगभग एक दर्जन गांवों में सोयाबीन व कपास की 375 हेक्टेयर से अधिक का फसल क्षेत्र प्रभावित हुआ है जिसमें फलोद्यान भी शामिल है। जबकि तेल्हारा तहसील में कपास व सोयाबीन की बुआई का 150 हेक्टेयर क्षेत्र अनुमानित बाधित हुआ है।

पहली मदद का इंतजार
जिले के किसानों को जुलाई में हुई अतिवृष्टि की मद में मुआवजा वितरण की प्रक्रिया अभी चल रही है इस दौरान यह एक और झटका किसानों को लगा है। नुकसान की मद में किसानों को मुआवजे के रूप में पहली किश्त 84 करोड़ 26 लाख मंजूर की गई है। जो तहसीलदारों के खातों में डाली जा चुकी है। तहसील स्तर पर इसका वितरण किया जा रहा है। इसी बीच दो दिन पूर्व हुई बारिश ने किसानों को एक बार फिर तबाही की कगार पर ला खड़ा कर दिया है।

 

 

Created On :   21 Oct 2021 9:29 AM GMT

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