रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार पूरी संजीदगी से कर रही है धान खरीदी का काम, किसानों को नहीं होने देंगे कोई तकलीफ: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार पूरी संजीदगी से कर रही है धान खरीदी का काम, किसानों को नहीं होने देंगे कोई तकलीफ: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

डिजिटल डेस्क, रायपुर। धान खरीदी की समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध छत्तीसगढ़ विधानसभा में 2387 करोड़ रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट का आकार बढ़कर हुआ एक लाख 9 हजार 101 करोड़ रूपए मुख्यमंत्री ने कहा - हमारी प्राथमिकता प्रदेश के गरीब, किसान, मजदूर, महिलाएं और युवाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना हां हमने कर्ज लिया है, किसानों की कर्ज माफी, धान खरीदी और लोगों की सहायता के लिए छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर मुझे गर्व और छत्तीसगढ़िया होने का है अभिमान धान खरीदी शुरू हुए एक माह हो रहे, केन्द्र ने अब तक नहीं दी एफसीआई को चावल देने की अनुमति छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज चर्चा के बाद ध्वनिमत से 2 हजार 387 करोड़ रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया। द्वितीय अनुपूरक के बाद अब प्रदेश के वर्ष 2020-21 के मुख्य बजट का आकार कुल एक लाख 9 हजार 101 करोड़ रूपए हो गया है। वर्ष 2020-21 का मुख्य बजट एक लाख 2 हजार 907 करोड़ रूपए का था। प्रथम अनुपूरक का आकार 3 हजार 807 करोड़ रूपए था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार पूरी संजीदगी के साथ धान खरीदी का काम कर रही है, किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। बारदानों की कमी को दूर करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी प्राथमिकता प्रदेश के गरीब, किसान, मजदूर, महिलाएं और युवा हैं। उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करना हमारी प्राथमिकता है। श्री बघेल ने कहा कि हां हमने कर्ज लिया है, किसानों की कर्ज माफी के लिए, धान खरीदी के लिए और लोगों की सहायता करने के लिए। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने स्काई वॉक, एक्सप्रेस-वे, मोबाइल खरीदी और नई राजधानी के लिए ऋण लिया, लेकिन इसका प्रदेश की जनता को क्या फायदा हुआ। मुख्यमंत्री ने नई तहसीलों की जनप्रतिनिधियों की मांग के संबंध में कहा कि राज्य सरकार द्वारा 23 नई तहसीले बनाई गई है। भविष्य में जब भी नई तहसीलें बनाई जाएंगी जनप्रतिनिधियों की मांगों को ध्यान में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने बारदानों की व्यवस्था के संबंध में कहा कि राज्य सरकार ने भारत सरकार के जूट कमिश्नर से छत्तीसगढ़ को 4.50 लाख गठान बारदाना उपलब्ध कराने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने एक लाख 43 हजार गठान बारदाने उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी। लेकिन हमें एक लाख 5 हजार गठान बारदानें जूट कमिश्नर से मिले हैं। कोरोना काल में जूट मिलें बंद थी, इसलिए राज्य सरकार ने पीडीएस की दुकानों से 65 हजार गठान पुराने बारदाने, राईस मिलर्स से 80 हजार गठान बारदाने की व्यवस्था की है। हमें अब तक 2 लाख 62 हजार गठान बारदाने मिले हैं, जिनमें से एक लाख 58 हजार गठान बारदानों का उपयोग किया जा चुका है और एक लाख 4 हजार गठान बारदाने शेष हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आम जनता को सुविधाएं उपलब्ध कराने के कार्य किए, उनकी सराहना भारत सरकार और नीति आयोग ने भी की। कोरोना काल में प्रदेश में 22 हजार से अधिक क्वॉरेंटाइन सेंटर स्थापित किए गए, गरीबों को 35 किलो के मान से 3 माह का अनाज मुफ्त दिया गया, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को घर पहुंचाकर सूखा राशन दिया गया। श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश के भ्रमण के दौरान उन्होंने कई धान खरीदी केंद्रों का भी दौरा किया वहां भीड़-भाड़ नहीं थी और व्यवस्थाएं काफी अच्छी थी। नई सरकार बनने के पहले प्रदेश में 1900 धान खरीदी केंद्र थे, जिन्हें पहले चरण में बढ़ाकर 2000 किया गया और अब 2300 केंद्रों पर धान की खरीदी हो रही है। पिछले वर्ष 23 दिसंबर तक 5 लाख किसानों ने 18 लाख मेट्रिक टन धान बेचा था, जबकि इस वर्ष 23 दिसंबर तक 9 लाख 90 हजार किसानों ने 38 लाख मैट्रिक टन धान बेचा है। इस वर्ष धान के विक्रय के लिए 21 लाख 38 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में सर्वाधिक है। धान के रकबे में भी 6 लाख एकड़ की वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान खरीदी में आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। इस संबंध में मिल रही शिकायतों का लगातार समाधान किया जा रहा है। डायल 112 में अब तक 1700 शिकायतें मिली जिनमें से 483 का निराकरण किया जा चुका है। रकबे में त्रुटि के संबंध में 413 शिकायतें मिली हैं, जिनके निराकरण के लिए अधिकारियों को कहा गया है। उन्होंने बताया कि कल ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल से एफसीआई को चावल देने की अनुमति देने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने कहा कि मैं किसान आंदोलन में व्यस्त हूं। धान खरीदी को एक माह हो गया है लेकिन यह दुर्भाग्यजनक है कि अभी तक एफसीआई में चावल देने की अनुमति नहीं मिल पाई है।

Created On :   25 Dec 2020 2:21 PM IST

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