रायपुर : किसानों के हितरक्षा में सदन में आक्रामक दिखे मुख्यमंत्री श्री बघेल
डिजिटल डेस्क, रायपुर। केन्द्र का कानून पूंजीपतियों के लिए, हमारा संशोधन किसानों के हक में: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल किसानों की बात हो, तो दल नहीं, दिल देखा जाना चाहिए अपने किसानों के लिए कुछ भी करेंगे: मुख्यमंत्री श्री बघेल मुख्यमंत्री ने कहा - किसानों हित में जरूरत पड़ी तो और संशोधन करेंगे किसानों के हित में मंडी संशोधन विधेयक 2020 पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने बड़े ही तार्किक ढंग से रखी अपनी बात रायपुर 27 अक्टूबर 2020 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा के विशेष सत्र में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 पर चर्चा करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया नया कृषि कानून किसानों के लिए नहीं, बल्कि पूंजीपतियों को लाभ देने वाला है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एक राष्ट्र-एक बाजार की दुहाई देती है। जब एक राष्ट्र-एक बाजार है, तो कीमत भी एक होनी चाहिए। यदि केन्द्र सरकार एक राष्ट्र-एक बाजार-एक कीमत की व्यवस्था लागू कर दें, तो हमंे कानून में संशोधन करने की जरूरत ही नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में तीन नये कानून बनाकर केन्द्र सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। केन्द्र सरकार का कानून किसानों को ठगने वाला कानून है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के नए कानूनों से किसानों के मन में संशय पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इस बात की गारंटी देनी चाहिए कि किसानों के उपज को कोई भी समर्थन मूल्य से नीचे नहीं खरीदेगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सदन में केन्द्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों की खामियों की जमकर आलोचना की और कहा कि हम अपने किसानों के हितों को सुरक्षित रखना चाहते हैं, छत्तीसगढ़ के व्यापार को सुरक्षित रखना चाहते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग भोले-भाले है। लोग ठगाए मत, इसलिए हम मंडी विधेयक में संशोधन कर किसानों और आम उपभोक्ता के हितों की रक्षा की व्यवस्था कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा कोरोना संक्रमण काल के दौरान 20 लाख करोड़ रूपए के राहत पैकेज का उल्लेख करते हुए कहा कि इस विशेष पैकेज से किसी को एक पैसा भी नहीं मिला। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और शांता कुमार कमेटी सिफारिशों का उल्लेख किया और केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हितों की अनदेखी के मामले को सदन में बड़े ही तार्किक ढंग से उठाए। मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान पूरे सदन में खामोशी छायी रही। सदन के सदस्य, किसानों के हित में मुख्यमंत्री के तर्काें को बड़े ही गौर से सुनते नजर आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ की बात हो, किसानों की बात हो, तो दल नहीं, दिल देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि से छत्तीसगढ़ के किसानों को लाभ देने के मामले में केन्द्र सरकार द्वारा अड़ंगा लगाया जा रहा है। केन्द्र सरकार किसानों को भ्रमित कर रही है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में जो तीन नए कानून बनाए है, उसकी जरूरत क्या थी? क्या किसी किसान संगठन ने या किसी राजनीतिक दल ने कानून में बदलाव की मांग की थी? कोरोना संकट काल में जब देश के लोग समस्याओं से जूझ रहे थे, ऐसी स्थिति में केन्द्र सरकार ने किसानों के हितों की परवाह न करते हुए कृषि के क्षेत्र में तीन नए अध्यादेश जारी कर दिए। उन्होंने कहा कि इसके चलते केन्द्र सरकार के एक सहयोगी दल की मंत्री ने इस्तीफा दे दिया। इन्ही तीनों कानूनों के चलते एनडीए के सहयोगी दल नाराज है। एनडीए के कई केन्द्रीय मंत्री भी इस कानून से सहमत नहीं है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार का कहना है कि कृषि के तीनों नए कानून, किसानों के लिए लाभकारी है। उन्होंने कहा कि यह भ्रम पूरे देश में फैलाया जा रहा है। इससे किसानों का भला होने वाला नहीं है। यह कानून पूंजीपतियों को लाभ देने वाला कानून है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में 2006 से यह कानून लागू है। आज हालत यह है कि समर्थन मूल्य तो दूर की बात, बिहार में 1300 रूपए क्विंटल से अधिक मूल्य पर किसानों का धान खरीदने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि जब इस कानून से बिहार के किसानों का कोई भला नहीं हुआ तो देश के किसानों का भला होने वाला नहीं है। केन्द्र सरकार के नए कानून के तहत निजी मंडी खोलने की बात पर एतराज जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके जरिए सरकारी मंडियों को समाप्त करने का षड़यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कानून की वजह से धीरे-धीरे मंडियां खत्म हो जाएंगी।
Created On :   28 Oct 2020 2:16 PM IST