रायपुर : स्वच्छता हमारे देश के प्राचीन संस्कारों में निहित, इसे नियमित दिनचर्या में अपनाएं : सुश्री उइके

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
रायपुर : स्वच्छता हमारे देश के प्राचीन संस्कारों में निहित, इसे नियमित दिनचर्या में अपनाएं : सुश्री उइके

डिजिटल डेस्क, रायपुर। राज्यपाल अहिंसा विश्व भारती द्वारा विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर आयोजित वेबिनार में शामिल हुई राज्यपाल ने सेनेटरी नेपकिन वितरण और वृक्षारोपण कार्यक्रम का वर्चुवल शुभारंभ किया राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज अहिंसा विश्व भारती द्वारा विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर आयोजित वेबिनार में शामिल हुई। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष शौचालय दिवस की थीम है स्थाई स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन। यदि स्वच्छता को नियमित दिनचर्या में अपना लें तो इस विषय को चरितार्थ किया जा सकता है। राज्यपाल ने आव्हान किया कि स्वच्छता हमारे देश के प्राचीन संस्कारों में निहित है, उसे अपने नियमित दिनचर्या में अपनाएं, अपने बच्चों को सिखाएं और अपने घर में यह आदत डालंे। यदि यह हमारी आदत बन जाए तो बड़ी से बड़ी बीमारी हमें छू नहीं पाएगी और हम विश्व में सबसे अग्रणी देश में शामिल रहेंगे। इस अवसर पर उन्होंने सेनेटरी नेपकिन के वितरण कार्यक्रम और वृक्षारोपण कार्यक्रम का वर्चुवल शुभारंभ किया। इसके लिए उन्होंने संस्थापक श्री लोकेश मुनि व उनकी संस्था को शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने कहा- यदि हमारे घरों में शौचालय का निर्माण हुआ है तो उसका उपयोग करे और दूसरों को भी शौचालय का उपयोग करने के लिए प्रेरित करें। हमें घर की कचरे का निष्पादन उपयुक्त ढंग से करना चाहिए। यह समस्त प्रबंधन उचित होगा तो जलवायु परिवर्तन बाधित नहीं होगा। हर व्यक्ति का एक छोटा सा प्रयास एक क्रांति ला सकती है और भारत को पूर्ण रूप से विश्व का सबसे स्वच्छ देश बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2013 में इस दिन को विश्व शौचालय दिवस के रूप में घोषित किया गया था, जिसका मुख्य ध्येय 2030 तक संपूर्ण मानव समुदाय के लिए सुरक्षित पेयजल एवं स्वच्छता सुविधाओं की उपलब्धता तथा उचित प्रबंधन सुनिश्चित किया जाना है। ऐसे आयोजन से हम विश्व को सतत् विकास के लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए अपना योगदान भी दे सकेंगे। सुश्री उइके ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छता को सर्वोपरि माना था। वे मानते थे कि स्वच्छ व्यक्ति ही स्वस्थ रह सकता है। गांधी जी ने स्वच्छता का स्वयं पर प्रयोग किया और अपने आप को उसके अनुरूप ढाला और समाज को स्वच्छता की प्रेरणा दी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत देश को खुले में शौचमुक्त करने का आह्वान किया था और उसके अनुरूप पूरे देश में जागरूकता आई है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 02 अक्टूबर 2019 को भारत को खुले में शौच मुक्त घोषित किया था। साथ ही 04 जनवरी 2018 को छत्तीसगढ़ राज्य ने खुले में शौचमुक्त स्थिति को प्राप्त कर उज्जर-सुग्घर, हमर छत्तीसगढ़ के स्वप्न को साकार किया। उन्होंने कहा कि धमतरी जिले के ग्राम कोटाभर्री निवासी श्रीमती कुंवरबाई ने 104 वर्ष की उम्र में अपने परिवार और ग्राम के लोगों को शौचालय की सुविधा प्रदान करने के लिए अपने जीवनयापन में मददगार बकरियों को बेच दी थी। आज वो दुनिया में नहीं है, पर उन्होंने हमारे समक्ष एक जीवंत उदाहरण प्रस्तुत कर गई। आज हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि आज हम कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं। इस समय हमारा जोर स्वच्छता पर है। हम स्वच्छता को पूर्ण रूप से अपनाएं हाथों को समय-समय पर धोते रहें, साथ ही मास्क का भी उपयोग करें। यदि हम स्वच्छ रहेंगे तो कोरोना जैसी बीमारियां भी हमें छू नहीं पाएंगी। 

Created On :   20 Nov 2020 3:05 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story