रायपुर : प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर परिणाम के लिए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों को दी जाएगी कोचिंग
डिजिटल डेस्क, रायपुर। भारत सरकार द्वारा अल्प महिला साक्षरता वाले पांच कन्या एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के संचालन को अनुमति डॉ. टेकाम की अध्यक्षता में आवासीय एवं आश्रम संस्थान समिति ’संचालक मंडल’ की बैठक। 0 आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति ’संचालक मंडल’ की बैठक में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं बेहतर परिणाम के लिए विशेष कोचिंग देने पर सहमति प्रदान की गयी है। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि विशेष कोचिंग कक्षा 10वीं से प्रारंभ की जाए। इसके साथ ही सभी हाई सेकेन्डरी विद्यालयों में एनसीसी की स्थापना के लिए भी सहमति प्रदान की गयी। शिक्षा सत्र 2020-21 में 29 नवीन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्वीकृत किए गए है। भारत सरकार द्वारा प्रदेश में अल्प महिला साक्षरता वाले पांच जिलों में कन्या एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के संचालन को अनुमति प्रदान की गयी है। इनमें रायगढ़ जिले के विकासखण्ड घरघोड़ा का छतरांगढ़, सूरजपुर जिले के विकासखण्ड प्रेमनगर का पार्वतीपुर, सरगुजा जिले के विकासखण्ड बतौली का शिवपुर, कांकेर जिले के विकासखण्ड नरहरपुर और बस्तर जिले के विकासखण्ड लोहाण्डीगुडा का गधियां शामिल है। इसके अलावा तीन और कन्या एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। नवीन शिक्षण सत्र 2021-22 में प्रारंभ होने वाले नवीन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से अध्यापन के संबंध में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में किसी एक स्कूल में प्रारंभ करने पर सहमति दी है। मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय आदिम जाति विकास विभाग की महत्वपूर्ण योजना है। इसके माध्यम से आदिवासी बालक-बालिकाओं को शैक्षणिक सुविधा मिलती है। सभी संस्थाओं को समिति के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। शैक्षणिक गुणवत्ता को ध्यान में रखकर काम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीबीएसई का पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए योग्य और समर्पित शिक्षकों की भर्ती करना एक महत्वपूर्ण दायित्व है। अंदरूनी आदिवासी अंचलों में संचालित सभी संस्थाओं में अच्छे साफ-सुथरे माहौल में बच्चों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और आचरण देना विभाग का दायित्व है। डॉ. टेकाम ने कहा कि सभी स्कूलों के भवनों का निर्माण कार्य समय पर पूरा हो इसके लिए सभी कार्य ऐजेंसियों की समय-समय पर बैठक कर प्रगति की जानकारी ली जाए। शिक्षकों की भर्ती को समय-सीमा में शासन के नियमानुसार कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम को लेकर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने के लिए परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण दिलाने के साथ ही कमजोर विद्यार्थियों को विशेष रूप से कोचिंग की व्यवस्था की जाए। छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए खेल-कूद, सांस्कृतिक एवं अन्य प्रतियोगी कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाना चाहिए। कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए गाईडलाइन का पालन किया जाए। बैठक में बताया गया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में शिक्षण सत्र 2020-21 के लिए प्रदेश में संचालित 71 विद्यालयांे में आवश्यकतानुसार अतिथि शिक्षक (पार्ट टाइम) के 452 और गैर शिक्षकीय 625 पद सहित कुल 1077 पदों के लिए ऑनलाइन विज्ञापन जारी किया गया। शिक्षकीय 452 पद के विरूद्ध प्रतिनियुक्ति से 166 और गैर शिक्षकीय 625 पद के लिए प्रतिनियुक्ति से 328 आवेदन मिले है। सर्वप्रथम विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना प्रतिनियुक्ति के लिए प्राप्त आवेदनों का परीक्षण किया जाएगा। शेष पदों पर नवीन अभ्यर्थियों से पूर्ति करने के संबंध में केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय से मार्गदर्शन प्राप्त होने के बाद विचार किया जाएगा। वर्ष 2019-20 तक 42 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित थे। जिनमें से 29 विद्यालयों की सीबीएसई मान्यता प्राप्त हो गयी है और शेष 13 विद्यालयों की मान्यता के लिए आवेदन किया गया है। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में सूचना प्रौद्योगिकी की व्यवस्था के लिए जिलों से जानकारी प्राप्त कर प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा संचालित 21 गुरूकुल, कन्या शिक्षा परिसर और आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में परिवर्तन के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया।
Created On :   5 Nov 2020 3:47 PM IST