रायपुर : बंजारी नाला से अब बंजर जमीन के बहुरेंगे दिन : वनांचल स्थित छह ग्रामों के 100 हेक्टेयर में होगी सिंचाई की सुविधा

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
रायपुर : बंजारी नाला से अब बंजर जमीन के बहुरेंगे दिन : वनांचल स्थित छह ग्रामों के 100 हेक्टेयर में होगी सिंचाई की सुविधा

डिजिटल डेस्क, रायपुर। 14 अक्टूबर 2020 राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘नरवा विकास योजना’ के तहत बंजारी नाला में भू-जल संरक्षण के हो रहे कार्यों से अब वनांचल की बंजर-ऊसर भूमि के भी दिन बहुरेंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा हाल ही में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में कैम्पा मद के तहत बंजारी नाला में एक हजार 820 जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं के निर्माण का शुभारंभ किया गया है। इससे वनांचल के छह ग्रामों के कृषकों को अब लगभग 100 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके निर्माण के लिए लगभग 74 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि रायगढ़ वन मंडल के विकासखण्ड बरमकेला स्थित इस बंजारी नाला में जल संरक्षण संबंधी संरचनाओं के निर्माण से वनांचल के छह ग्राम जवाहर नगर, भालूपाली, मल्दा ब, बारादवन, कोर्रापानी तथा छिंछपाली लाभान्वित होंगे। यहां स्वीकृत सभी जल संरक्षण संरचनाओं के निर्माण होने पर बंजारी नाला में अब उक्त छह ग्रामों के भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी होगी और वनांचल में नाला किनारे स्थित ग्रामों के बंजर-ऊसर जमीन में भी एक से अधिक फसल ली जा सकेगी। यह बंजारी नाला वनांचल के 16.6 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसका कुल जल संग्रहण क्षेत्रफल दो हजार 877 हेक्टेयर है। इस संबंध में वन मंडलाधिकारी रायगढ़ श्री मनोज पाण्डेय ने बताया कि कैम्पा मद के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में स्वीकृत कार्यों के तहत बंजारी नाला में कुल एक हजार 820 जल संरक्षण संबंधी विभिन्न संरचनाओं का निर्माण होगा। इनमें 125 ब्रशवुड चेकडेम, 492 नग लुज बोल्डर चेकडेम तथा 22 नग गेबियन का निर्माण होगा। इसके अलावा एक हजार 180 नग कण्टुर बण्ड तथा एक नग अर्दन डेम का निर्माण शामिल है। बंजारी नाला में इनके निर्माण के दौरान आस-पास के गांवों में 21 हजार 600 मानव दिवस का रोजगार सृजन होगा। साथ ही इन भू-जल संरचनाओं के निर्माण से आस-पास के भू-जल स्तर में बढ़ोत्तरी होगी। इसके अलावा आस-पास के गांवों में पेयजल तथा सिंचाई सुविधा सहित मिट्टी कटाव को रोकने में मदद मिलेगी।

Created On :   15 Oct 2020 1:38 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story