रायपुर : अपना हाथ जगन्नाथ : कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करें और कराएं
डिजिटल डेस्क, रायपुर। 5 नवंबर 2020 एक कहावत है ’अपना हाथ जगन्नाथ’ मतलब खुद प्रयास करने से ही काम अवश्य सिद्ध होता है। वैसा ही कोरोना संक्रमण के साथ भी है । स्वयं प्रयास करने ही इससे बचा जा सकता है। वैक्सीन जब तक आएगी और कितनी प्रभावी होगी, कितनी बार लगाना पड़ेगी, यह सब अनिश्चितता के गर्भ में है। जो निश्चित है वह यह कि हम सबके पास इससे बचने के लिए वैक्सीन है, सोशल वैक्सीन ,बस हम उसे अपना नही रहें। मतलब दैनिक व्यवहार में परिवर्तन कर, सोचने के तरीके बदलकर, साफ-सफाई का ध्यान रखकर और अपने परिचितों ,रिश्तेदारों, पड़ोसियों, दुकानदारों को बार- बार इसका महत्व समझा कर । ’करत -करत अभ्यास से जड़मति होत सुजान’ कवि वंृद के इस प्रचलित दोहे के एकदम शाब्दिक अर्थ पर न जाएं, लेकिन उसका सार समझना होगा कि बार-बार बोलने से,टोकने से शायद असर पड़े लोगों पर और सभी सही तरीके से मास्क पहनने लगे। दुनिया भर में शोध हो रहे हैं इस पर कि मास्क पहनने से न केवल कोविड 19 बल्कि इन्फ्लूएंजा,दमा ,टी बी जैसे रोगों के फैलाव को भी रोकने में मदद मिलती है। आज से ही प्रण लेे लें कि स्वयं कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करने,मास्क पहनने के अलावा रोज पांच व्यक्तियों को इसका महत्व समझाएंगे और टोकेंगे भी।
Created On :   6 Nov 2020 2:30 PM IST