रायपुर : कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में खुलेगा कृषि लागत एवं मूल्य आयोग का क्षेत्रीय केन्द्र : छत्तीसगढ़ के किसानों की फसल उत्पादन लागत का निर्धारण स्थानीय स्तर पर हो सकेगा
डिजिटल डेस्क, रायपुर। 20 अक्टूबर 2020 छत्तीसगढ़ के किसानों द्वारा उत्पादित खरीफ एवं रबी फसलों के उत्पादन लागत का निर्धारण अब प्रदेश में ही हो सकेगा। जिससे छत्तीसगढ़ के किसानों की फसल उत्पादन लागत का निर्धारण स्थानीय स्तर पर हो सकेगा। भारत सरकार द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में कृषि लागत एवं मूल्य आयोग का क्षेत्रीय केन्द्र खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह केन्द्र आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 से कार्य करना प्रारंभ कर देगा। केन्द्र सरकार द्वारा विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने हेतु उनकी उत्पादन लागत निकालने के लिए देश भर में 16 केन्द्र स्थापित किये गये हैं, रायपुर में देश का 17वां केन्द्र स्थापित किया जाएगा। इस केन्द्र के संचालन हेतु भारत सरकार द्वारा 25 पद भी स्वीकृत किये गये हैं। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की अनुशंषा पर भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष अनाज, दलहन, तिलहन एवं नगदी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है। केन्द्र सरकार द्वारा कुल 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है। इसके लिए देश के विभिन्न राज्यों में वहां की प्रमुख फसलों की उत्पादन लागत का आंकलन किया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद से यहां किसानों द्वारा उत्पादित फसलों की लागत का आंकलन करने हेतु कोई केन्द्र नहीं था। अब तक जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर स्थित केन्द्र द्वारा ही छत्तीसगढ़ में फसल उत्पादन लागत का निर्धारण किया जा रहा था। विश्वविद्यालय विगत चार वर्षाें से यहां इस केन्द्र की स्वीकृति हेतु प्रयासरत था। अब केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के किसानों की खेती की लागत निर्धारण हेतु इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को एक परियोजना स्वीकृत की गई है। इस परियोजना के संचालन हेतु समस्त राशि भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। कृषि विश्वविद्यालय द्वारा परियोजना संचालित करने हेतु सहमति एवं आवश्यक बजट का प्रस्ताव भारत सरकार को भेज दिया गया है। परियोजना के क्रियान्वयन हेतु केन्द्र सरकार से 10.75 करोड़ रूपये राशि की मांग की गई है। गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान, गेहूँ, मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ, रागी, सोयाबीन, अरहर, चना, उड़द, मूंग, मसूर, मूंगफली, तिल, रामतिल, सरसों, तोरिया, सूरजमुखी, कुसुम, गन्ना, कपास, जूट आदि फसलों की खरीदी की जाती है। इन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारण करने के लिए कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा देश के 16 राज्यों आन्ध्रप्रदेश, आसाम, बिहार, गुजरात, हरियांणा, हिमाचलप्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल में क्षेत्रीय केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। अब केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़, झारखंड एवं तेलंगाना में नवीन केन्द्रों की स्थापना हेतु मंजूरी दी गई है।
Created On :   21 Oct 2020 3:19 PM IST