राज्यपाल का राजस्थान के विकास के लिए 15 सूत्री कार्यक्रम राजस्थान होगा बाल विवाह मुक्त, जनजातीय क्षेत्रों में बालिकाओं को पढ़ाना होगा अनिवार्य रोजगार के लिए लगाये जायेंगे मेले

राज्यपाल का राजस्थान के विकास के लिए 15 सूत्री कार्यक्रम राजस्थान होगा बाल विवाह मुक्त, जनजातीय क्षेत्रों में बालिकाओं को पढ़ाना होगा अनिवार्य रोजगार के लिए लगाये जायेंगे मेले
राज्यपाल का राजस्थान के विकास के लिए 15 सूत्री कार्यक्रम राजस्थान होगा बाल विवाह मुक्त, जनजातीय क्षेत्रों में बालिकाओं को पढ़ाना होगा अनिवार्य रोजगार के लिए लगाये जायेंगे मेले

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राज्यपाल का राजस्थान के विकास के लिए 15 सूत्री कार्यक्रम राजस्थान होगा बाल विवाह मुक्त, जनजातीय क्षेत्रों में बालिकाओं को पढ़ाना होगा अनिवार्य रोजगार के लिए लगाये जायेंगे मेले जयपुर, 9 सितम्बर। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र को बुधवार को राजस्थान में राज्यपाल पद पर एक साल पूरा हो गया है। राज्यपाल श्री मिश्र ने इस उपलक्ष्य में मीडिया से ऑनलाइन वार्ता की। राज्यपाल ने विगत एक वर्ष में राज्य में उनके द्धारा किये गये कार्यों और उपलब्धियों को प्रेस के साथ साझा किया। राज्यपाल ने आने वाले वर्षों में उनके द्धारा तय की गई प्राथमिकताओं के बारे में भी जानकारी दी। राज्यपाल ने कहा कि वे चाहते है कि राज्य का सर्वागींण विकास हो। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने राज्य के विकास के लिए 15 सूत्री कार्यक्रम बनाया है। इन बिदुंओं में राज्यपाल ने बालक, बालिका, युवा, महिलाओं सहित उच्च शिक्षा के उन्नयन, वर्षा जल के संग्रहण, स्वस्थ राजस्थान और विलुप्त होती लोक कलाओं के सहजने की कार्य योजना को समाहित किया है। राज्यपाल श्री मिश्र राजस्थान को बाल विवाह मुक्त बनाना तथा जनजातीय क्षेत्रों में प्रत्येक बालिका को कम से कम 18 वर्ष की आयु तक अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था को प्राथमिकताओं में शामिल किया है। राज्यपाल ने कहा है कि ‘‘रोजगार आपके द्वार‘‘ के तहत रोजगार वैन चलाकर कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से राजस्थान मे कम से कम 10 रोजगार मेलाें का आयोजन कराया जायेगा। विशेष जरुरत वाले बच्चों के संबंध में भारत सरकार की वर्तमान योजनाओं के क्रियान्वयन पर सर्वे तथा संभाग एवं जिले स्तर पर सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जायेगी, साथ ही सामान्य अस्थि संबंधी दिव्यांगों की सुधारात्मक सर्जरी की व्यवस्था भी कराई जायेगी। नीति आयोग द्वारा शुरू किये गये कार्यक्रम के अन्तर्गत एशपिरेशनल डिस्टि्रक्ट (आकांक्षी जिलों) की भारत सरकार के दिशा निर्देशाअनुसार निगरानी एवं पर्यवेक्षण की रणनीति तैयार की जायेगी। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र की सोच है कि सभी राजकीय भवनों में वर्षा जल संग्रहण एवं भूूजल पुनर्भरण व्यवस्था की प्रभावी पालना कराया जाना आवश्यक है। रेड क्रास सोसायटी की गतिविधियों में तेजी लाकर आम जनता मेें अंगदान, टॉय बैंक एवं चिकित्सीय उपकरण वितरण हेतु जागरूकता कार्यक्रम चलाये जायेंगे। राज्यपाल ने कहा कि रोजगार एवं कौशल विकास के लिए राज्य में स्टीम-सी (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी, कृषि, गणित-कम्प्यूटर) शिक्षा तंत्र का विकास किया जायेगा। राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालय के सहयोग से अनुसूचित क्षेत्र के जिलों में इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना साथ ही राज्य के विश्वविद्यालयों में तकनीकी व्यवसाय एवं आजीविका व्यवसाय इनक्यूबेटर की स्थापना भी की जायेगी। स्टेट यूनिवर्सिटी मैनेजमेन्ट सिस्टम के माध्यम से समस्त विश्वविद्यालय के तंत्र का एकीकरण कराया जायेगा। समस्त राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के भूतपूर्व छात्रों का एल्यूमिनाई नेटवर्क तैयार कर राज्यपाल राहत कोष में अधिक से अधिक दान सुनिश्चित करना तथा दानदाताओं के अनुसार विकास कार्य कराये जाने की योजना है। विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क/संविधान स्ंतभ तथा राजभवन में संविधान पार्क, संविधान स्तम्भ, विश्वविद्यालय पार्क तथा संग्रहालय की स्थापना की जायेगी। राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय/राजस्थानी लोक कलाआें, शिल्प कलाओं, वाद्य यंत्रों, पारम्परिक पाक कला और अन्य विलुप्त होती कलाओं को सहेज कर इनके प्रति नई पीढी में रुझान उत्पन्न किया जायेगा। जनजाति क्षेत्र में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर ( 5वर्ष से कम के बच्चों ) को राष्ट्रीय औसत के स्तर पर लाने तथा राष्ट्रीय पोषण मिशन का प्रभावी क्रियान्वयन भी किया जायेगा। अनुसूचित क्षेत्र में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व द्वारा प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों एवं सब सेन्टर्स का निर्माण कराने के साथ ही अनुसूचित क्षेत्र मे असंक्रामक रोगों तथा जीवनशैली से संबंधित रोगों के बारे में जागरुकता बढ़ा कर तथा इनकी रोकथाम हेतु प्रभावी प्रयास सुनिश्चित किये जायेंगे। राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि ‘‘राजस्थान प्रदेश के राज्यपाल के रूप में मैंने 9 सितम्बर, 2019 को कार्यभार ग्रहण किया। मुझे आज यहां एक वर्ष पूरा हो गया है। इस संबंध में राजभवन द्वारा एक पुस्तक नई सोच-नए आयाम का प्रकाशन किया गया है, जिसकी ई-प्रति आप सभी को भिजवा दी गई है। राजस्थान राज्य से, यहां के लोगों से, यहां की गतिविधियों से पहले से ही, मैं परिचित हूँ।

Created On :   10 Sep 2020 9:50 AM GMT

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