16 साल के बेटे के साथ 10वीं की परीक्षा दे रही 44 वर्षीय मां, 1989 में पास की थी 9वीं

Rajni bala is giving her 10th class exam with her 16 year old son
16 साल के बेटे के साथ 10वीं की परीक्षा दे रही 44 वर्षीय मां, 1989 में पास की थी 9वीं
16 साल के बेटे के साथ 10वीं की परीक्षा दे रही 44 वर्षीय मां, 1989 में पास की थी 9वीं

डिजिटल डेस्क, लुधियाना। हर नया दिन आपके लिए एक नया सुनहरा अवसर लेकर आता है जिससे आप अपनी जिंदगी बदल सकते हैं। अक्सर लोग पढ़ाई को लेकर उम्र निकल जाने की बात कहते हैं जबकि ऐसा नहीं है। अगर हम कुछ करना चाहते हैं तो रास्ते में उम्र कभी रोड़ा नहीं बनती है। लुधियाना की रजनी बाला अपने बेटे के साथ 10वीं की परीक्षा देकर इसी की मिसाल पेश कर रही हैं। 

16 साल के बेटे के साथ दे रही परीक्षा


44 वर्षीय रजनी बाला लुधियाना के हैबोवाल कलां की रहने वाली हैं। इस समय वो अपने 16 साल के बेटे के साथ सरकारी हाई स्कूल में 10वीं कक्षा की परीक्षा दे रही हैं। रजनी बाला ने 29 साल पहले तरन तारन के आर्य गर्ल्स हाई स्कूल से 9वीं की परीक्षा पास की थी लेकिन पारिवारिक समस्या के कारण वो 1990 में 10वीं क्लास की परीक्षा नहीं दे सकी थी। अब पति से प्रेरित होकर रजनी ने दोबारा पढ़ाई शुरू की है।

बेटियां कर रहीं कॉलेज की पढ़ाई 


रजनी बाला की दो बेटियां भी हैं जो ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं। रजनी अपने छोटे बेटे दीपक के साथ 10वीं की परीक्षा दे रही हैं। रजनी ने बताया कि पति राजकुमार साथी पिछले कई साल से आगे की पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे। पिछले साल पंजाब ओपन स्कूल बोर्ड में उसका एडमिशन भी करा दिया था। जिसकी वजह से अब वो दसवीं की परीक्षा दे रही है। रजनी अपने घर में बेटे के साथ ही परीक्षा की तैयारी भी करती हैं। मां-बेटे दोस्त की तरह एक साथ स्कूल जाते हैं और एक-दूसरे से सवाल जवाब भी करते हैं।

वार्ड अटेंडेंट का काम करती हैं रजनी, ग्रेजुएशन है लक्ष्य


रजनी बाला लगभग साढ़े तीन साल से लुधियाना के सिविल अस्पताल में पार्ट टाइम वार्ड अटेंडेंट का काम कर रही हैं। रजनी का कहना है कि पढ़ाई पूरी करने से नौकरी के रेगुलर होने की संभावना भी है। वो 10वीं के बाद आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं। रजनी का सपना ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई करना है।

बच्चों के साथ बैठना लगता था अजीब, परिवार ने दिया सहयोग


रजनी बाला ने बताया कि शुरूआत में छोटे बच्चों के साथ बैठने और पढ़ने में अजीब सा लगता था लेकिन अब वो अपने फैसले पर बेहद खुश हैं। रजनी के पति भी पढ़ाई से लेकर घर के कामकाज तक में उनकी पूरी मदद करते हैं। वहीं सास सुमित्रा देवी खुद पढ़ी लिखी नहीं हैं लेकिन अपने बहू की पढ़ाई में पूरा सहयोग देती हैं। रजनी की बड़ी बेटी सुमन टीचर बनकर उन्हें पढ़ाती है।

गर्व महसूस कर रहा रजनी का बेटा दीपक


रजनी पार्ट टाइम जॉब के कारण हर दिन स्कूल नहीं जा पाती है लेकिन परीक्षा से पहले उन्होंने ट्यूशन लिया था। वहीं मां और बेटे दोस्त की तरह कभी-कभी स्कूल जाते थे और अब एक साथ परीक्षा की तैयारी करते हैं। बेटे दीपक ने कहा अपनी मां के साथ पढ़ना और उनके साथ पेपर देना मेरे लिए गर्व की बात है।

 
 

Created On :   29 March 2018 4:38 AM GMT

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