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सिटी अस्पताल से राकेश ने लिए थे 65 नकली इंजेक्शन - नकली रेमडेसिविर मामला, बढ़ाई गईं धाराएँ, 15 लाख के भुगतान की भी जाँच
डिजिटल डेस्क जबलपुर । नकली रेमडेसिविर मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत मोखा का मुख्य राजदार राकेश शर्मा एसआईटी के सामने नित नये खुलासे कर रहा है। जाँच टीम द्वारा उसे हिरासत में लेकर की जा रही पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि इंदौर से नकली रेमडेसिविर के 5 सौ इंजेक्शन जबलपुर लाए जाने के बाद दवा सप्लायर सपन जैन ने 35 इंजेक्शन निकाले थे। वहीं सिटी अस्पताल पहुँचे 465 इंजेक्शनों में से 65 इंजेक्शन राकेश शर्मा ने लिए थे। उससे पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि उसने इन इंजेक्शनों का क्या किया था। उधर इस मामले में मोखा सहित अन्य के खिलाफ दर्ज किए गए मामले में धारा 467, 468, 471 व आईटी एक्ट की धाराएँ बढ़ाई गई हैं।
वहीं इस मामले में राकेश शर्मा को भी आरोपी बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार गुजरात में नकली रेमडेसिविर की फैक्ट्री पकड़ी जाने व जबलपुर के सिटी अस्पताल में 5 सौ नकली इंजेक्शन खपाए जाने की जानकारी लगी थी। उस आधार पर ओमती पुलिस ने सिटी अस्पताल संचालक मोखा को गिरफ्तार किया था। इस मामले में उसकी पत्नी जसमीत, मैनेजर सोनिया खत्री शुक्ल और कर्मचारी देवेश चौरसिया को गिरफ्तार किया गया था। उनसे की गई पूछताछ में 65 इंजेक्शनों का हिसाब-किताब नहीं मिल रहा था। जाँच के दौरान नकली इंजेक्शनों की डील कराने व 15 लाख का भुगतान गोरखपुर चंद्रिका परिसर में रहने वाले राकेश शर्मा जो कि इंदौर की किसी कंपनी में कार्यरत है के जरिए कराए जाने की जानकारी लगने पर एसआईटी ने राकेश शर्मा को पकड़ा था, उससे पूछताछ की जा रही है। उधर मोखा व अन्य द्वारा मिलकर अस्पताल के दस्तावेजों व कम्प्यूटर डाटा से छेडख़ानी किए जाने के पुख्ता सबूत मिलने पर प्रकरण में आईटी एक्ट सहित विभिन्न धाराएँ बढ़ाई गई हैं।
नर्मदा में फेंके थे इंजेक्शन
जानकारों के अनुसार पूछताछ में राकेश शर्मा ने यह बात कबूली है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत के चलते उसने मोखा से 65 इंजेक्शन लिए थे। यह इंजेक्शन उसे सिटी अस्पताल से दिए गए थे। इन इंजेक्शनों को वह महँगे दामों पर बेचने की फिराक में था, लेकिन इससे पहले ही गुजरात पुलिस ने इंजेक्शन नकली होने का खुलासा कर दिया था। इस बात की जानकारी लगते ही 6 मई को उसने सपन के साथ मिलकर योजना बनाई और एक्टिवा से दोनों तिलवारा पहुँचे थे वहाँ पर उसने अपने पास के 65 व सपन ने 35 इंजेक्शन नर्मदा में फेंक दिए थे। जाँच टीम द्वारा पूछताछ के बाद उसके बयानों की पुष्टि करने के लिए सीन रिक्रिएट किया गया है। जानकारों के अनुसार पुलिस ने राकेश शर्मा से कार व मोबाइल आदि सामान जब्त किया है।
नौकरी से निकालने की धमकी
उधर जाँच टीम के सामने पूछताछ में सिटी अस्पताल के अकाउंटेंट अरूप ने बताया कि उस पर नकली इंजेक्शन संबंधी डाटा कम्प्यूटर से हटाने के लिए दबाव बनाया गया था, ऐसा करने से इनकार करने पर संचालक मोखा व मैनेजर ने उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी थी, जिसके चलते उसने दस्तावेजों से छेडख़ानी कर डाटा को कम्प्यूटर से हटा दिया था।
इंदौर पुलिस कर रही पूछताछ
जानकारों के अनुसार जबलपुर पुलिस द्वारा प्रोडक्शन वारंट जारी कराकर गुजरात से सुनील मिश्रा, कौशल वोरा, सपन जैन व पुनीत शाह को जबलपुर लाए जाने की तैयारी थी, लेकिन इससे पहले ही इंदौर पुलिस ने इन आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर ले लिया है। अब इंदौर पुलिस की पूछताछ पूरी होने के बाद ही आरोपियों को जबलपुर लाया जाएगा। यहाँ एसआईटी उनसे पूछताछ करेगी।
Created On :   24 May 2021 2:33 PM IST