रामटेक में सबसे ज्यादा वन्यजीवों का आतंक, 3 साल में 32 लोग हुए घायल, नागपुर विभाग में दो की मौत

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रामटेक में सबसे ज्यादा वन्यजीवों का आतंक, 3 साल में 32 लोग हुए घायल, नागपुर विभाग में दो की मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  मानव व वन्यजीवों का संघर्ष वर्षों से चले आ रहा है। जिससे कई को घायल होना पड़ा है व कुछ को जान भी गंवानी पड़ी है। नागपुर वन परिक्षेत्र की बात करें तो वन्यजीवों के हमले सबसे ज्यादा रामटेक में हुए हैं।  32 लोगों को वन्यजीवों के हमले में घायल होना पड़ा है। जिसके लिए वन विभाग ने 5 लाख 73 हजार से ज्यादा का मुआवजा भी घायलों को दिया है।  बाकी क्षेत्र की बात करें तो बाघ व तेंदुए के हमले से हिंगणा व पारशिवनी में दो लोगों की मौत भी हुई है। जिसके लिए वन विभाग को 16 लाख रुपये मुआवजा देना पड़ा है।

नागपुर वन विभाग की बात करें तो इसमें दक्षिण उमरेड, उत्तर उमरेड, नरखेड, कोंढाडी, काटोल, हिंगणा, देवलापार, पारशिवनी, रामटेक, पवनी, कलमेश्वर, सेमिनरी हिल्स, बुटीबोरी, खापा आदि इलाके आते हैं। इन सभी वन परिक्षेत्र के आस-पास दर्जनों गांव है। लगातार खेती का दायरा बढ़ने व जंगलों की सीमा कम होने से इंसान व वन्यजीवों का संघर्ष हो रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा वन्यजीवों की झड़प रामटेक में देखने मिल रही है। यह खुद आंकड़े बया कर रहे हैं। 3 साल में कुल 32 लोगों को वन्यजीवों के हमले में जख्मी होना पड़ा है।

हर साल रामटेक में ही वन्यजीवों का हमला देखा जा रहा है। वर्ष 2017 की बात करें तो नागपुर विभाग में कुल 14 लोग घायल हुए थे। जिसमें रामटेक से ही 3 किसान शामिल हुए थे। वर्ष 2018 में घायलों की संख्या 29 पर पहुंची थी। जिसमें रामटेक से ही 9 किसान थे। वर्ष 2019 में भी कुल 44 घायलों में सबसे ज्यादा 20 घायल किसानों की संख्या रामटेक से ही देखने मिली है। ऐसे में लगातार रामटेक परिक्षेत्र में मानव पर वन्यजीवों के हमले बढ़ने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा इसी साल दक्षिण उमरेड व उत्तर उमरेड क्षेत्र में भी कुल 14 लोगों को वन्यजीवों ने घायल किया है। गत वर्ष भी उक्त दोनों ॰क्षेत्र में घायलों की संख्या 12 हुई थी। कलमेश्वर व पारशिवनी में भी हर साल वन्यजीवों के हमले दर्ज किये जा रहे हैं।

बाघ के हमले में 2 की जान गई 
नागपुर विभाग अंतर्गत गत 3 वर्षों में 2 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। जिसमें पारशिवनी व हिंगणा वन परिक्षेत्र के किसान शामिल हैं। वर्ष 2017 में पारशिवनी में बाघ के हमले से एक किसान की मौत हुई है।  वर्ष 2018 में हिंगणा के किसान की मौत दर्ज है। जिसके लिए दोनों किसानों को वन विभाग ने 8-8 लाख रुपये मुआवजा भी दिया है।

Created On :   25 Jan 2020 9:40 AM GMT

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