राणा दंपति की जमानत पर होगी सुनवाई, राज्य सरकार ने किया विरोध 

Rana couples bail hearing to be held, state government is against it
राणा दंपति की जमानत पर होगी सुनवाई, राज्य सरकार ने किया विरोध 
सत्र न्यायालय राणा दंपति की जमानत पर होगी सुनवाई, राज्य सरकार ने किया विरोध 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सत्र न्यायालय ने निर्दलीय सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा के जामनत आवेदन पर शनिवार को सुनवाई रखी है। शुक्रवार को न्यायाधीश ने व्यस्तता का हवाला देते हुए कहा कि हम शनिवार को आरोपी राणा दंपति के जमानत आवेदन पर सुनवाई करेंगे। इससे पहले पुलिस ने हलफनामा दायर दावा किया कि आरोपियों का इरादा कानून व्यवस्था को भंग कर सरकार को अस्थिर करने का था। जबकि राणा दंपति की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि मामले से जुड़े आरोपी निर्वाचित प्रतिष्ठित जन प्रतिनिधि है। उन पर लगाए गए आरोपों में कोई दम नहीं है। इसलिए यदि जमानत पर सुनवाई शुरु की जाए तो बेहतर होगा।  इस पर न्यायाधीश आर.एन रोकडे ने कहा कि उनके पास दूसरे मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। लिहाजा वे शुक्रवार को जमानत आवेदन पर सुनवाई नहीं कर पाएगे। और सुनवाई को शनिवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
 
हनुमान चालीसा के पीछे थी गहरी साजिश

वही राणा दंपति के जमानत के विरोध में पुलिस की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है कि आरोपियों की ओर से मुख्यमंत्री के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढने की घोषणा कानून-व्यवस्था को चुनौती देने के इरादे से की गई थी। ताकि राज्यपाल मौजूदा सरकार को भंग करने की सिफारिस कर सके। मुंबई पुलिस ने विशेष अदालत को बताया कि अमरावती की सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करने संबंधी योजना सामान्य लग सकती है, लेकिन वास्तव में यह राज्य सरकार को चुनौती देने की एक "बड़ी साजिश’ थी। पुलिस ने यह भी दावा किया कि विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और ठाकरे के राजनीतिक विरोधी उन्हें ‘हिंदू विरोधी’ के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे थे और यह दिखाना चाह रहे थे वर्तमान शासन में हिंदुओं के लिए अपने धर्म का पालन करना मुश्किल है। पुलिस ने राणा दंपति की जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात के जरिये दाखिल हलफनामे में ये दावे किए।  

हलफनामे में कहा गया है कि आरोपियों ने मीडिया 20 व 23 अप्रैल को को बयान देते समय  निष्पक्ष आलोचना करने की सीमा का उल्लंघन किया है। जो भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के दायरे में आती है। क्योंकि आरोपियों का इरादा सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करना था।  हलफनामे के मुताबिक राणा दंपति पर राजद्रोह जैसा गंभीर आरोप है। उनके खिलाफ कई मामले दर्ज है। ऐसे में यदि आरोपियो को जमानत दी गई तो फिर से कानून-व्यवस्था बिगड़ानेवाले बयान दे सकते है। हलफनामे में कहा गया है कि नवनीत राणा के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाणपत्र को लेकर आपराधिक मामला दर्ज है। मुलुंड में भी राणा दंपति के खिलाफ मामला दर्ज है। इस लिहाजा से आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि है। इसलिए इन्हें जमानत न दी जाए।

राणा दंपति ने मुख्यमंत्री के निजी घर मातोश्री के बाहर जाकर हुनमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की थी। इसके बाद खार पुलिस ने 23 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राणा दंपति को पहले बांद्रा कोर्ट में पेश किया था। जहां से इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। फिलहाल राणा दंपति जेल में है। उनके खिलाफ नफरत फैलाने व राजद्रोह सहित अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज हैं। 

घर के भोजन के आवेदन को कोर्ट ने किया नामंजूर
मुंबई की  कोर्ट ने निर्दलीय सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा के जेल में घर के भोजन की अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर दायर आवेदन को खारिज कर दिया है। न्यायिक हिरासत में राणा दंपति ने घर के भोजन के लिए आवेदन किया था। किंतु कोर्ट ने उनके इस आवेदन को खारिज कर दिया है। 

 

Created On :   29 April 2022 5:39 PM IST

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