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जंगल सफारी में दिख रहे हैं दुर्लभ प्रजाति के पक्षी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। लंबे समय बाद जंगल सफारी खुलने से चहल-पहल शुरू हो गई है। पर्यटकों को वन्यजीवों की दीदार भी हो रहा है। काफी दिनों तक सफारी बंद रहने और शोरगुल नहीं होने से वन्यजीव भी आसानी से जंगल के बाहरी क्षेत्रों में दिखाई दे रहे हैं। बाघ के साथ साही, सिवेट कैट, पैंगोलिन जैसे वन्यजीवों का दीदार हो रहा है। पहले की तुलना में भालू, जंगली भैंसा, चीतल, नीलगाय, मोर व विभिन्न प्रजाति के पक्षियों का भी दीदार ज्यादा हो रहा है।
दो महीने तक बंद थे पेंच, उमरेड करांडला व बोर व्याघ्र प्रकल्प
विदर्भ में पेंच, ताड़ोबा, मेलघाट, सह्याद्री बोर, नवेगांव-नागझिरा वन परिक्षेत्र आता हैं, जहां आम दिनों में प्रतिदिन 100 से ज्यादा पर्यटक घूमने-फिरने जाते हैं। जिप्सी के साथ घूमने वाले इन पर्यटकों के कारण हर रोज जंगल में शोरगुल होता है। चहल-पहल के कारण वन्यजीव अपना दायरा बनाकर रहते हैं। इसलिए बाघ, भालू जैसे वन्यजीव कम दिखाई देते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद शोरगुल बंद रहा है। पिछले दो महीने से कोरोना की तीसरी लहर के कारण जंगल सफारियां बंद थीं, जिसे हाल ही में खोला गया है। नागपुर जिले के पेंच, उमरेड करांडला, बोर व्याघ्र प्रकल्प जैसी जंगल सफारियां भी इन दिनों खुल गई हैं। यहां आने वालों को दुर्लभ वन्यजीवों का आसानी से दीदार हो रहा है
जंगल से बाहर निकल रहे वन्यजीव
जानकारों के अनुसार लंबे समय से शोरगुल या चहल-पहल नहीं रहने से अब वन्यजीव अपना दायरा छोड़ बाहर निकल रहे हैं, जो कुछ समय तक ऐसा ही रहेगा। पेंच में उदबिलाव, सिल्वर भालू और इंडियन बायसन आमतौर पर देखने को नहीं मिलते हैं। गाइड व वनसंरक्षकोें के अनुसार महीनों इन्हें देखा नहीं जाता है। बावजूद इसके इन दिनों जंगल के बाहरी इलाकों में भी इन्हें आसानी से देखा जा रहा है।
Created On :   11 Feb 2022 3:52 PM IST