फोन टैपिंग मामले में रश्मि शुक्ला को मिली अंतरिम राहत, 25 मार्च तक कड़ी कार्रवाई पर रोक 

Rashmi Shukla gets interim relief in phone tapping case
फोन टैपिंग मामले में रश्मि शुक्ला को मिली अंतरिम राहत, 25 मार्च तक कड़ी कार्रवाई पर रोक 
हाईकोर्ट फोन टैपिंग मामले में रश्मि शुक्ला को मिली अंतरिम राहत, 25 मार्च तक कड़ी कार्रवाई पर रोक 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अवैध फोनटैपिंग से जुड़े मामले में आरोपी आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला को अंतरिम राहत प्रदान की है। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह 25 मार्च तक आईपीएस अधिकारी शुक्ला के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न करे। आईपीएस अधिकारी शुक्ला के खिलाफ पुणे के बंडगार्डेन पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर शुक्ला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 

शुक्रवार को न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति नीतिन बोरकर की खंडपीठ के सामने शुक्ला की याचिका पर सुनवाई के लिए आयी। याचिका पर गौर करने व शुक्ला की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी की दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि अवैध फोन टैपिंग से जुड़ी घटना तीन साल पहले हुई थी और उसको लेकर 26 फरवरी 2022 को एफआईआर दर्ज की गई है। इस तरह से देखा जाए तो इस प्रकरण को लेकर काफी विलंब से मामला दर्ज किया गया है। खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले में याचिकाकर्ता (शुक्ला) को निशाना बनाया गया है। इस लिहाज से याचिकाकर्ता संरक्षण पाने की हकदार है।       

इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता जेठमलानी ने कहा कि मेरे मुवक्किल के अलावा कई अन्य अधिकारी भी कुछ फोन नंबरों पर निगरानी रखने से जुड़ी मंजूरी हासिल करने में शामिल थे। लेकिन एफआईआर केवल मेरे मुवक्किल के खिलाफ दर्ज की गई है। इस मामले में मेरे मुवक्किल को निशाना बनाया गया है। वहीं शुक्ला की याचिका का विरोध करते हुए सरकारी वकील जयेश याज्ञनिक ने कहा कि उन्हें एक दिन पहले ही याचिका की प्रति मिली है। उन्हें याचिका पर जवाब लेने के लिए समय दिया जाए। तब तक याचिका में अंतरिम राहत से जुड़ा कोई आदेश न जारी किया जाए। इस तरह खंडपीठ ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद शुक्ला को अंतरिम राहत प्रदान की और कहा कि 25 मार्च तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई न की जाए। 

याचिका में शुक्ला ने दावा किया गया है कि  राजनीतिक प्रतिशोध के चलते उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। याचिका में शुक्ला ने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज किया गया मामला आधारहीन है। इसलिए इसे रद्द कर दिया जाए। राज्य खुफिया विभाग की प्रमुख रही शुक्ला पर उस समय अवैध फोन टैपिंग कराने का आरोप लगा है। आईपीएस अधिकारी शुक्ला वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैदराबाद में सेंट्रल रिज़र्व पुलिस फोर्स(सीआरपीएफ) की अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर तैनात हैं।  

 

Created On :   4 March 2022 6:48 PM IST

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