माँ की उपासना से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति 

Reaching Dharma, Artha, Kama and Moksha from Mothers Worship
माँ की उपासना से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति 
माँ की उपासना से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति 

शारदीय नवरात्रि का छठवाँ दिन आज, चारों ओर शक्ति की आराधना, मंदिरों में दर्शन करने पहुँच रहे भक्त
डिजिटल डेस्क जबलपुर
।  शारदीय नवरात्रि पर भक्त उत्साह और उमंग के साथ आदिशक्ति की उपासना कर रहे हैं। देवी पण्डालों एवं मंदिरों में देवी माँ की भक्ति में श्रद्धालु डूब गए हैं। माता के दर्शन करने के लिए लोग पहुँच रहे हैं। पाठ-अनुष्ठान मंदिरों एवं पण्डालों में हो रहे हैं। कात्यायनी नवदुर्गा या देवी पार्वती (शक्ति) का नौ रूपों में यह छठवाँ रूप है। माता पार्वती का दूसरा नाम  कात्यायनी है। माँ कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है। बंगाली काली बाड़ी में नहीं रखी गई मूर्ति, घट कलश की स्थापना - बंगाली काली बाड़ी समिति प्रेमनगर गुप्तेश्वर रोड पर इस वर्ष माँ दुर्गा की मूर्ति स्थापना नहीं की गई है। समिति के अध्यक्ष मिलन मुखर्जी ने बताया कि महामारी के चलते माँ दुर्गा की पूजा, घट, कलश स्थापना के साथ पंचमी बुधवार से उत्सव शुरू हो गया है। अनुष्ठान सम्पूर्ण विधि-विधान, समय व तिथि पंचांग के अनुसार होंगे। समिति के एचके डे, संदीप चक्रवर्ती, शंकर बैनर्जी, जेबी भट्टाचार्या, तापोश विश्वास, गौतम राय, एसके अम्बूली, एसके गोस्वामी एवं आशीष डे ने इस पूजा अवसर पर श्रद्धालुओं से पूजा पण्डालों, मंदिरों में भीड़ न करने का निवेदन किया है।
 

Created On :   22 Oct 2020 8:09 AM GMT

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