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रीडिंग हो नहीं रही और आ रहे मनमानी राशि के बिल
बिल सुधारने के बाद भी नए सॉफ्टवेयर में नहीं हो रहा अपडेट, दो तरह की राशि आने से भ्रमित हो रहे उपभोक्ता
डिजिटल डेस्क जबलपुर । एक तरफ उपभोक्ता पहले से ही तंगी और घर के बिगड़े बजट से परेशान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ बिजली कंपनी भी लूटने से बाज नहीं आ रही है। उपभोक्ताओं को इन दिनों जो बिजली बिल दिए जा रहे हैं, एक तो वे बिना रीडिंग के दिए जा रहे हैं और वे भारी भरकम राशि के आ रहे हैं। इसके बाद जब उपभोक्ता इसे सुधरवा रहे हैं तो सॉफ्टवेयर में अपडेट नहीं हो रहा है। इसका एक कारण बिजली कंपनी द्वारा बिना तैयारी के हाल ही में अपलोड किया गया न्यू जनरेशन बिलिंग(एनजीबी) सॉफ्टवेयर है। इस सॉफ्टवेयर को पूरे प्रदेश की बिजली कंपनी में लागू किया जा रहा है। जबलपुर में इसे उपयोग में तो लाया जा रहा है मगर यह काम नहीं कर रहा है। नतीजतन उपभोक्ताओं को मनमानी राशि के बिल दिए जाने के बाद भी सुधार नहीं हो पा रहा है।
ऑनलाइन दर्ज नहीं हो रहे एनजीबी नंबर7 उपभोक्ताओं के जब बिल सुधारे जा रहे हैं तो उन्हें रिवाइस बिल में आईवीआरएस की जगह एनजीबी नंबर दिया जा रहा है। अब अगर उपभोक्ता रिवाइस बिल की राशि ऑनलाइन जमा करना चाहें तो यह नंबर दर्ज ही नहीं हो रहा है और पुराना आईवीआरएस नंबर ऑनलाइन दर्ज करने पर पुरानी बढ़ी हुई राशि का ही बिल दिखता है, उपभोक्ता इस बात को लेकर भी परेशान हैं कि जब बिल सुधरवा लिया तो उस राशि का बिल जमा क्यों नहीं हो रहा है।
प्रकरण एक 7 आईवीआरएस नंबर- 2683822000
समस्या 7 पिछले कुछ माहों से 2 सौ रुपए आया बिल अब 21 सौ का आ गया।
प्रकरण दो 7 आईवीआरएस नंबर- 2199291000
बिल की राशि7 सात हजार से अधिक, सुधार के बाद एनजीबी नंबर- 1868002980
बिल की राशि तो हुई कम मगर ऑनलाइन अपडेट नहीं
इस तरह हो रहीं गड़बडिय़ाँ
> पहले आता था सौ से डेढ़ सौ रुपए तक का बिल, अब आ गया 21 सौ रुपए का बिल।
> पिछले माह बिल जमा करने के बाद इस माह पुरानी राशि जोड़कर फिर भेज दिया नया बिल।
> मीटर रीडिंग हुई नहीं एवरेज राशि भी पिछले कई महीनों के बिलों से मेल नहीं खाती।
> मीटर रीडिंग दिखाने के बाद भी पार्ट पेमेंट करने की बजाय एक साथ कर रहे दो से तीन माह की बिलिंग।
Created On :   28 May 2020 2:38 PM IST