छत्रसाल महाविद्यालय को शोध केंद्र की मान्यता

Recognition of research center to Chhatrasal College
छत्रसाल महाविद्यालय को शोध केंद्र की मान्यता
पन्ना छत्रसाल महाविद्यालय को शोध केंद्र की मान्यता

डिजिटल डेस्क, पन्ना। महाराजा छत्रशाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर ने छत्रसाल शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के नौ स्नातकोत्तर विभागोंं को आज शोध केंद्र के रूप में मान्यता प्रदान करने के लिए अपनी मुहर लगा दी है। विगत कई महीनों से छत्रसाल महाविद्यालय प्रशासन महाविद्यालय को शोध केंद्र के रूप में मान्यता प्रदान किए जाने के संबंध में प्रयासरत था। आज विश्वविद्यालय से कुलपति डॉ. टी.आर. थापक के आदेश पर शोध केंद्र स्थापित किए जाने हेतु निरीक्षण दल छत्रसाल महाविद्यालय में निरीक्षण कार्रवाई के लिए उपस्थित हुआ। जिसका नेतृत्व डॉक्टर डी.पी. शुक्ला ने किया। इस दल में अकादमिक शाखा छतरपुर के प्रमुख डॉ. बहादुर सिंह परमार सह संयोजक थे। विश्वविद्यालय के दल में डॉक्टर मुक्ता मिश्रा इतिहास, डॉ. पुष्पा दुबे हिंदी, डॉ. आनंद तिवारी वाणिज्य, डॉ. ए.के. सक्सेना गणित, डॉ. पी.के. खरे वनस्पति शास्त्र, डॉक्टर जी.एस. परिहार रसायन शास्त्र, डॉ. एस.डी. चतुर्वेदी भौतिक शास्त्र और डॉक्टर एच.एन. खरे प्राणी शास्त्र विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित हुए। विश्वविद्यालय के दल का स्वागत प्राचार्य डॉ. ए.के. खरे और प्रशासनिक अधिकारी डॉ. एच.एस. शर्मा ने किया। निरीक्षण दल ने विभिन्न विभागों का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया और शोध केंद्र बनाए जाने के संबंध में विविध मानकों के आधार पर विभाग की क्षमता का मूल्यांकन किया। इन मानकों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के अंतर्गत उत्तम गुणवत्ता के प्राध्यापकों की मौजूदगी, विभाग की अधोसंरचनाए विभाग के शिक्षकों की शोध कार्य में प्रवीणता और प्रकाशित शोध सामग्री की उपलब्धता के साथ ही अन्य बिंदुओं पर विस्तार से परीक्षण का कार्य किया गया। इन बिंदुओं पर खरा उतरने पर विश्वविद्यालय निरीक्षण दल ने इतिहास, हिंदी, अंग्रेजी, वाणिज्य, गणित, वनस्पति शास्त्र, रसायन शास्त्र, भौतिक शास्त्र, और प्राणी शास्त्र विषयों को शोध केंद्र के रूप में मान्यता प्रदान किए जाने की अनुशंसा की। प्राचार्य डॉ. ए.के. खरे ने इस अवसर पर कहा कि शोध केंद्र का बनना महाविद्यालय की ऐतिहासिक उपलब्धि है। प्रशासनिक अधिकारी डॉ एच एस शर्मा ने कहा कि नेक के मूल्यांकन हेतु महाविद्यालय का शोध केंद्र बनना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। आइक्यूएसी के समन्वयक डॉ. पी.पी. मिश्रा ने शोध केंद्र बनने पर महाविद्यालय प्रशासन के साथ ही विभिन्न विषयों के विभाग अध्यक्षों को बधाई दी। आगामी सत्र से छत्रसाल महाविद्यालय पीएचडी हेतु छात्रों का पंजीयन कर सकेगा। महाविद्यालय का शोध केंद्र पन्ना प्राचार्य डॉ. ए.के. खरे के कार्यकाल की स्वर्णिम उपलब्धि है जिससे आने वाले वक्त में सैकड़ों विद्यार्थी लाभान्वित हो सकेंगे। इस अवसर पर इतिहास की विभागाध्यक्ष डॉप्त उषा मिश्रा, हिंदी के विभागाध्यक्ष डा.ॅ व्ही.के. दीक्षित सहित समस्त प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक उपस्थित रहे।

Created On :   16 Feb 2022 11:19 AM IST

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