राज्य सामान्य निर्धन वर्ग आयोग की अनुशंसाएं एक दशक बाद भी बेअसर

Recommendations of State Gen Poor Commission are not effective
राज्य सामान्य निर्धन वर्ग आयोग की अनुशंसाएं एक दशक बाद भी बेअसर
राज्य सामान्य निर्धन वर्ग आयोग की अनुशंसाएं एक दशक बाद भी बेअसर

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र सरकार ने प्रदेश में समतामूलक समाज की स्थापना के लिए सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया था, लेकिन इसका असर स्थापना के दस साल बाद भी अपेक्षानुरूप नहीं दिख रहा है। इस प्रकार के आयोग का गठन करने वाला मप्र संभवतया देश का पहला राज्य है। बता दें कि प्रदेश में सामान्य वर्ग के निर्धन परिवारों को  सामाजिक और आर्थिक आधार पर सरकार की योजनाओं के माध्यम से मदद करने की दृष्टि से वर्ष 2008 में गठित आयोग की अनुसंशाएं अब तक बेअसर रही हैं। हालांकि सरकार ने पुरानी परिपाटी में परिवर्तन और आवश्यक कल्याण के लिए अनुसंशा करने के लिए ही आयोग का गठन किया था। इसका उद्देश्य यह था कि सामान्य निर्धन वर्ग के परिवारों और बच्चों को शिक्षा के माध्यम विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जाए।

गठन के बाद दूसरे अध्यक्ष बालेदुं शुक्ल ने एक दृष्टिपत्र 2018 दिया जिसका अभी तक कोई खास प्रभाव नहीं दिख रहा है। हालांकि सरकार ने सामान्य निर्धन वर्ग को अधिक से अधिक लाभ मिले इस दृष्टि से आय सीमा 54 हजार से बढ़ाकर 1 लाख कर दी। इसके बावजूद अभी इस दिशा में इसकी सीमा और भी बढ़ाए जाने की अनुशंसा लगातार की जा रही है। इतना ही नहीं आयोग इस दिशा में भी विचार कर लिया है कि छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति अभी नाकाफी है। ऐसे में आयोग ने इस बात पर सहमति जताई है कि इस छात्रवृत्ति को और बढ़ाए जाने की आवश्यकता है, लेकिन सरकार ने अभी तक अपनी मुहर नहीं लगाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार अभी इस दिशा में कोई निर्णय करने की जल्दबाजी में नहीं है।

ऐसा है आयोग 
आयोग का गठन जनवरी 2008 में हुआ। इसका उद्देश्य सामान्य निर्धन वर्ग के समग्र कल्याण एवं विकास पर अनुसंशा करना और योजनाएं बनाने पर तथा पुराने कार्यक्रम में आवश्यक अनुषांगिक परिवर्तन करना आदि है। इस आयोग के माध्यम से कुल ग्यारह योजनाओं को 6 विभागों के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। 

इनका कहना है 
आयोग की कई अनुसंशाएं हैं जिन्हें सरकार द्वारा निर्णय लिया जाना है। आयोग का काम परिस्थिति का अध्ययन कर उसके अनुसार अनुसंशा करना है। सामान्य निर्धन के छात्रों का जहां तक सवाल है तो उसे कम से कम एक हजार रूपए छात्रवृत्ति दी जानी चाहिए, लेकिन निर्णय सरकार को करना है। 
विमला राय, सचिव राज्य सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग  

हमने राज्य के सामान्य वर्ग के निर्धन छात्रों के लिए अनेक अनुसंशाएं की है जिसे सरकार द्वारा निर्णय लिया जाना है। महत्वपूर्ण अनुसंशा यह है कि छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृति की राशि भी बढाए जाने की अनुसंशा की गई है। और भी कई मामले हैं, लेकिन जब तक निर्णय न हो जाए उसके पहले कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
बालेंदु शुक्ला, अध्यक्ष, सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग मप्र

Created On :   8 Sept 2018 12:47 PM IST

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