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प्रकाश कर के नाम पर सवा करोड़ रुपए की वसूली और वार्डों में अंधेरा
डिजिटल डेस्के कटनी । रात के समय शहर की सडक़ों में अंधेरा न हो, इसके लिए नगर निगम प्रकाश कर के रुप में करीब सवा करोड़ रुपए वसूलती है। सुविधा दिए जाने के नाम पर विभाग के अफसर इस आय को भी कमाई का जरिया बना लिए हैं। स्ट्रीट लाइट के 40 हजार प्वाइंटों में से करीब 5 हजार खंभो की लाइट बंद है। इसके बावजूद विद्युत शाखा के अधिकारी और कर्मचारी रोशनी का वह चश्मा पहने हुए हैं। जिसमें उन्हें बंद स्ट्रीट लाइट भी जलती हुई दिखाई देती है। यह स्थिति तो पिछले तीन माह से निर्मित है, लेकिन मंगलवार को पूर्व नगर निगम अध्यक्ष संतोष शुक्ला का जब अव्यवस्था के खिलाफ लिखित पत्र सामने आया तो हडक़ंप की स्थिति निर्मित हो गई। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रभारी आयुक्त अशफॉक परवेज ने विद्युत शाखा के नोडल अधिकारी आदेश जैन को अपने कक्ष में दोपहर एक बजे तलब किया तो वे उस समय तक आफिस ही नहीं आए थे।
प्रशासक को लिखा पत्र
इस संबंध में ननि के पूर्व अध्यक्ष संतोष शुक्ला ने प्रशासक को जो पत्र लिखा है। उसमें व्यवस्थाओं की पोल खोल गई है। निगम का तो दावा है कि 48 घंटे के अंतराल में स्ट्रीट लाइट सुधार दी जाती है। इसके बावजूद कई जगहों पर पिछले तीन माह से अंधेरा है। हर वार्ड में दस से बीस खंभो की लाइट बंद पड़ी है। जिसके पीछे मेंटनेंस की सामग्री नहीं होने की बात विद्युत शाखा के अधिकारी बताते हैं। सबसे अधिक लापरवाही अधिकारी कर्मचारियों के मामले में बरत रहे हैं। चार से पांच किलोमीटर दूर कर्मचारी बिजली सुधारने पहुंचते हैं तब पता चलता है कि सोडियम एवं टी-5 की सामग्री ही नहीं है। जिससे कर्मचारियों का मेहनत व्यर्थ जाता है और वे सुधार कार्य नहीं कर पाते।
आयुक्त ने बुलाई फाइल
अधीनस्थ कर्मचारियों की लापरवाही सामने आने पर प्रभारी आयुक्त ने अपने कक्ष में ही बिजली विभाग के नोडल अधिकारी को जवाब-तलब किया। यहां पर स्टोर में रखी सामग्री और क्रय की गई सामग्री की फाइल बुलाई तो नोडल अधिकारी आदेश जैन ही ऑफिस से नदारत रहे। इसके लिए दोपहर को बिजली विभाग के स्टाफ के साथ जब मीटिंग की तो कई तरह की लापरवाही सामने आई। जिसके बाद प्रभारी आयुक्त ने फटकार भी लगाई।
टेंडर प्रक्रिया में देरी
स्ट्रीट लाइट के मेंटनेंस में विद्युत शाखा के अफसर जानबूझकर देरी कर रहे थे। बैठक में यह बात सामने आई कि जब टेण्डर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है तो फिर फाइल आगे बढ़ाने में अधिकारियों ने क्यों रुचि नहीं ली। जिसके बाद शाखा के कर्मचारियों और अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं रहा। जिसके बाद प्रभारी आयुक्त ने नाराजगी भी जताई। मौके पर ही प्रक्रिया पूरी की गई और फाइल स्वीकृत के लिए प्रशासक के पास भेजी गई।
इनका कहना है
शहर में स्ट्रीट लाइट बंद होने की शिकायत कई जगहों से मिली थी। मंगलवार दोपहर विद्युत शाखा के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें यह बात सामने आई कि टेण्डर प्रक्रिया में ही देरी बरतने का काम यहां के अधिकारियों ने किया। देरी की जांच कराई जाएगी। टेण्डर प्रक्रिया पूरी करने के बाद फाइल स्वीकृत के लिए कलेक्टर के पास भेजी गई है।
-अशफॉक परवेज, प्रभारी आयुक्त नगर निगम कटनी
Created On :   18 Aug 2020 3:52 PM IST