न्यायधीशों की स्थाई नियुक्ति की व्यवस्था बनाने की मांग लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई से इंकार 

Refusal to hear public interest litigation filed in the High Court seeking to make arrangements
न्यायधीशों की स्थाई नियुक्ति की व्यवस्था बनाने की मांग लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई से इंकार 
हाईकोर्ट न्यायधीशों की स्थाई नियुक्ति की व्यवस्था बनाने की मांग लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई से इंकार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए स्थायी व्यवस्था बनाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने सुनवाई करने से मना कर दिया हैं। खुद को इस याचिका पर सुनवाई से दूर करते हुए कहा कि मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा कि चूंकि मुख्य न्यायाधीश हाईकोर्ट प्रशासन का प्रमुख होता हैं। इसके साथ ही वह न्यायाधीशों के नाम की सिफारिश भी करता हैं। लिहाजा  मेरा इस मामले की सुनवाई करना उचित नहीं है। बांबे लॉर्यस एसोसिएशन ने इस बारे में कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट के लिए 94 न्यायाधीश के पदों को मंजूरी दी गई हैं लेकिन वर्तमान में हाईकोर्ट में 57 न्यायाधीश ही हैं। जिसमें नौ न्यायाधीश साल 2022 के अंत तक सेवानिवृत्त होनेवाले हैं। हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति में विफलता एक तरह से नागरिकों को न्याय से वंचित करने जैसा है। इसके अलावा पर्याप्त न्यायाधीश न होने से न्यायदान में भी विलंब होता है। याचिका में कहा गया था कि न्यायाधीशों के न होने से कोर्ट में प्रलंबित मामलों की संख्या बढती है। इसलिए जरुरी है कि न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरने के लिए स्थायी व्यवस्था बनाई जाए। किंतु सोमवार को जब यह याचिका सुनवाई के लिए आयी तो मुख्य न्यायाधीश ने खुद को इस मामले की सुनवाई से दूर कर लिया। 


 

Created On :   6 Jun 2022 7:55 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story