पेशेंट ओवरवेट है, यह कह कर रिलायंस जनरल इंश्योरेंस ने केस रिजेक्ट कर दिया

Reliance General Insurance rejected the case saying the patient is overweight
पेशेंट ओवरवेट है, यह कह कर रिलायंस जनरल इंश्योरेंस ने केस रिजेक्ट कर दिया
नागपुर पेशेंट ओवरवेट है, यह कह कर रिलायंस जनरल इंश्योरेंस ने केस रिजेक्ट कर दिया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बीमा पॉलिसी धारक जब क्लेम के लिए आवेदन करते हैं, तो कंपनी नए-नए बहाने बनाकर क्लेम रिजेक्ट कर देती है। ऐसा कर, बीमा कंपनियां पॉलिसी धारकों के साथ धोखा कर रही हैं। बीमित लोगों का का कहना है कि सैकड़ों लोगों के साथ कई तरह के बहाने बनाकर और कमियां निकालकर क्लेम को निरस्त कर दिया जाता है। पॉलिसी धारक आवेदन भेजते रहते हैं, लेकिन बीमा कंपनियां जवाब तक नहीं देतीं। यहां तक टोल फ्री नंबरों पर भी कोई जवाब नहीं मिलता। कंपनी के इन झूठे वादों से परेशान होकर बीमा धारक या तो न्यायालय की शरण में जा रहे हैं, या फिर उपभोक्ता फोरम से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला कामठी निवासी राहुल इटनकर की मम्मी के साथ हुआ। पॉलिसी लेने के पहले तो रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन जब क्लेम देने की बात आई तो कंपनी ने यह कहकर क्लेम रिजेक्ट कर दिया कि मरीज ओवरवेट है। 

2 वर्ष पहले ली थी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी से मेडिक्लेम पॉलिसी : कामठी निवासी राहुल इटनकर ने बताया कि 2 वर्ष पहले रिलांयस जनरल इंश्योरेंस कंपनी से मम्मी और पापा के लिए मेडिक्लेम पॉलिसी ली थी। कंपनी के अनुसार, 2 वर्ष बाद कोई बड़ी बीमारी होने पर उन्हें 5 लाख तक कवर दिया जाएगा। पॉलिसी नंबर 172092228451000003 और क्लेम नंबर 202120015902 है। मम्मी के घुटने में परेशानी होने लगी, तो डॉक्टर को दिखाया। उन्होंने कहा कि पहले दवा देते हैं। ठीक नहीं हुआ तो ‘नी रिप्लेसमेंट’ करना होगा। दवा शुरू हुई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एक ही पैर पर ज्यादा वेट पड़ने से दूसरे घुटने में भी तकलीफ होने लगी। डाॅक्टर ने दोनों घुटने बदलने को कहा। 23 फरवरी 2022 को एक घुटने का ऑपरेशन हुआ,उसके बाद 26 फरवरी 2022 को दूसरे घुटने का। बिल 4.30 लाख रुपए का बना। हमने ऑपरेशन के पहले कंपनी में बात की तो उन्होंने कहा कि पहले ऑपरेशन करवा लीजिए, फिर पैसा वापस मिल जाएगा। जब क्लेम किया तो कंपनी ने बहाने बनाने शुरू कर दिया। पहले कहा कि पेशेंट को बीपी था, जो कि बताया नहीं गया। जबकि पॉलिसी में बीपी की बात स्पष्ट रूप से लिखी है। जब हमने इस बात को गलत साबित किया, तो कंपनी ने यह कहकर क्लेम रिजेक्ट कर दिया कि पेशेंट ओवरवेट है। दु:ख यह है कि मेडिक्लेम लेने के बाद हर वर्ष प्रीमियम समय पर भरा, इसके बाद भी क्लेम देने में आनाकानी करते रहे मम्मी के आपॅरेशन के लिए गहने भी गिरवी रख दिए हैं। बैंक से लोन भी लेना पड़ा। अब तो हमें समझ ही नहीं आ रहा है कि आगे क्या किया जाए। 

उचित मंच तक बात- इस नंबर पर बीमा से संबंधित समस्याएं बताएं 

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है, तो आप  दैनिक भास्कर नागपुर के मोबाइल नंबर  9422165556  पर बात करके प्रमाण सहित अपनी समस्या रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में आपकी आवाज को भास्कर द्वारा खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। 

Created On :   5 Jun 2022 7:11 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story