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वसूली मामले के आरोपियों की नौकरी संबंधी परेशानी को देखते हुए दी राहत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आईटी कंपनी में काम करने वाले जबरन वसूली मामले के आरोपियों की नौकरी संबंधी परेशानी को देखते हुए बांबे हाईकोर्ट ने इन्हें राहत दे दी है। इसके लिए इन्हें 6 माह तक माह के पहले व तीसरे रविवार को वृद्धाश्रम में काम करना होगा। अदालत ने कहा कि वृद्धा आश्रम में सेवा देने का प्रमाणपत्र कोर्ट में जमा करने के बाद इन युवकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला रद्द हो जाएगा। ऑनलाइन गेमिंग में निवेश के मामले में वसूली व जान से मारने की धमकी देने के आरोपों का सामना कर रहे इन युवकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने के चलते नौकरी मिलने में दिक्कत आ रही थी। इसलिए इन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामला रद्द करने की मांग की थी। याचिका में आरोपियों ने दावा किया था कि उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले के चलते उनकी नौकरी चली गई है और इस वजह से उन्हें नई नौकरी मिलने भी नहीं मिल रही है। याचिका में आरोपी युवकों ने कहा था कि उन्होंने शिकायतकर्ता के साथ आपसी सहमति से मामले को सुलझा लिया है। यदि हमारे (आरोपी) खिलाफ दर्ज मामले को रद्द किया जाता है तो शिकायतकर्ता को कोई आपत्ति नहीं है।
न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति अनिल किल्लोर की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने पाया कि आरोपियों ने ऑनलाइअन गेमिंग में निवेश के जरिए मोटा मुनाफा देने के नाम पर अपने एक परिचित युवक को पैसे लगाने के लिए प्रेरित किया था। युवक ने पैसे भी लगाए किंतु जब उसने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी और उससे और पैसे भी मांगे।
इससे परेशान युवक ने 6 अप्रैल 2021 को पुणे के वनवाडी पुलिस स्टेशन में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी युवक की शिकायत के आधार पर पांचों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 365, 384, 504,506, व 34 के तहत मामला दर्ज किया। खंडपीठ ने कहा कि चूंकि आरोपी नव युवक हैं और शिकायतकर्ता को भी मामला रद्द करने पर आपत्ति नहीं है। इसलिए उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द किया जाता है। पर इसके लिए उन्हें 6 माह तक महीने के पहले व तीसरे रविवार को सुबहर 11 बजे से दोपहर दो बजे के बीच पुणे स्थित निवार ओल्डएज होम में जाना होगा और अपनी उपस्थिति का प्रमाणपत्र कोर्ट में जमा करना होगा। इस तरह आरोपियों को नौकरी मिलने में आ रही परेशानी को दूर करने के लिए वृद्धा श्रम में काम करना होगा। खंडपीठ ने आरोपियों के साथ शिकायतकर्ता को भी वृद्धाश्रम में काम करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने सुनाई 6 माह तक समुद्री किनारों की सफाई की ‘सजा’
बांबे हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में पार्किंग लॉट में हुए झगड़े के चलते आपराधिक मामले का सामना कर रहे एक आरोपी को 6 माह तक समुदायिक सेवा करने का निर्देश दिया है। आरोपी को अफरोज शाह फाउंडेशन को अपनी सेवा देनी होगी। यह फाउंडेशन मुख्य रुप से समुद्री किनारों की साफ सफाई व दूसरे जनहित से जुड़े कार्यों के लिए जाना जाता है। मामले से जुड़े आरोपी को प्रायश्चित स्वरुप दूसरे व चौथे रविवार को सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे के बीच काम करना होगा। इसका प्रमाणपत्र कोर्ट में जमा करना होगा। इसके बाद उनके खिलाफ दर्ज मामला रद्द होगा।
Created On :   14 Feb 2022 8:50 PM IST