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राहत भरी बारिश, निरपत सागर हुआ पानी से लबालब
डिजिटल डेस्क, पन्ना। शुक्रवार-शनिवार की रात्रि को पन्ना शहरवासियों के लिए हुई बारिश राहत भरी रही है। निरपत सागर जोकि शहरवासियों का भीषण जलसंकट के बीच अंतिम-अंतिम स्थिति तक सहारा बना रहा हुई बारिश से आज उसके पूरी तरह से लबालब भर जाने की तस्वीर सामने आई है। जिससे चिंतित शहरवासियों को काफी राहत मिली है। निरपत सागर में पानी पूरी तरह से भर जाने के कारण इसमें आने वाला अतिरक्त पानी अब वेस्ट वियर से निकलने लगा है। वहीं पेयजल आपूर्ति करने वाले शहर के दो तालाबों धरम सागर व लोकपाल सागर की स्थिति अभी भी दयनीय बनीं हुई है। दोनों तालाबों का पानी उसके क्षेत्र में अभी तक की स्थिति में फैलाव तक ही सीमित है और कई दिन अच्छी बारिश होती है वैसी स्थिति में ही तालाब के भरने को लेकर लोगों को उम्मीद हैं। यदि उक्त दोनेां तालाब में पर्याप्त पानी नहीं आता तो पूरा शहर सिर्फ निरपत सागर तालाब पर ही निर्भर रहेगा। ऐसे में शीतकाल से ही शहरवासियों को जल संकट का सामना करना पडेगा।
निरपत सागर में है पानी के आवक के पर्याप्त स्त्रोत
निरपत सागर तालाब पन्ना नगर का ऐसा तालाब है जो कि यदि दो से तीन दिन अच्छी बारिश हो जाए तो तालाब पानी से लबालब हो जाता है। जिसकी वजह यह है कि ऊपर के पहाडी क्षेत्र से इस तालाब में भारी मात्रा में पानी आता है साथ ही साथ लंबी दूरी तक जो बारिश होती है उसका पानी भी इसी तालाब में पहुंचता है किंतु तालाब छोटा होने की वजह से अतिरक्त पानी बहकर निकल जाता है। इसी के चलते इस तालाब में आने वाले बरसात पानी को पूर्व में ही रिजर्व टैंक के रूप में स्टोरेज करने के लिए कुंजवन से लगे खोय क्षेत्र में एक अतिरिक्त तालाब निर्माण का कार्य लगभग सात करोड रूपए की लागत से स्वीकृत हो चुका है। तालाब का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने की स्थिति में जब निरपत सागर तालाब खाली होगा तो इसके ऊपर बनने जा रहे तालाब के पानी को छोडकर इसे आवश्यकतानुसार फीड किया जा सकेगा। जिससे पानी की समस्या काफी हद तक कम हो जायेगी।
लोकपाल सागर को फीड करने वाली किलकिला फीडर कैनाल योजना के कार्य शुरू होने का इंतजार
पुरानी किलकिला फीडर कैनाल जिससे कि बरसात का पानी धरम सागर तालाब तथा लोकपाल सागर तालाब तक पहुंचता था। जिससे पहले धरम सागर में काफी हद तक इसी कैनाल के जरिए पानी आ जाता था परंतु पुरानी कच्ची कैनाल के रखरखाव एवं सुरक्षा नहीं होने की वजह से विलुप्त हो चुकी है। जिसके चलते अल्प वर्षा की स्थिति में धरम सागर एवं लोकपाल सागर को पिछले एक दशक से सूखे की स्थिति से गुजरना पड रहा है। लोकपाल सागर से किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है। वहीं इस साल दोनों तालाबों के सूख जाने से शहरवासियों को जल संकट के भीषण दौर से गुजरना पडा। लंबे समय से किलकिला फीडर कैनाल के नए स्वरूप में निर्माण किए जाने की मांग के बाद इस वर्ष किलकिला फीडर कैनाल की स्वीकृति के बाद टेण्डर की कार्यवाही भी हो चुकी है। यदि यह योजना पूरी की जाती तो पानी की समस्या का काफी हद तक समाधान हो जायेगा परंतु जिस तरह से किलकिला फीडर कैनाल के कार्य में लगातार विलम्ब हुआ है और अभी तक अतिक्रमणकारियों को हटाए जाने की कार्यवाही नहीं हुई है उसके चलते संशय की स्थिति बनीं हुई है।
किलकिला कुण्ड का विहंगम हुआ नजारा
पन्ना शहर के बायपास समीप किलकिला कुण्ड का नजारा हुई बरसात से विहंगम हो चुका है। प्रपात के रूप में गिर रहे पानी की दूधिया धारा के साथ आसमान में ऊंचाई तक उडती पानी की बौछारों का नजारा देखने के लिए आज दिनभर यहां लोगों की भीड बनीं रही। लोग यहां पर घण्टों तक जमे रहे। हालांकि जहां कुण्ड है वहां तक पहुंचने का रास्ता जोखिम भरा है जिसके चलते इस क्षेत्र को प्रतिबंधित भी घोषित किया गय है परंतु इसके बावजूद लोग कुण्ड प्रपात को करीब से देखने और इसकी तस्वीरों में अपने को कैद करने के लिए मोबाईल कैमरे से सेल्फी तथा फोटो लेते रहे। पहुंचने वाले कई लोग दुर्घटनाओं के अंदेशे को साफ तौर नजरअंदाज करते हुए सेल्फी लेते रहे। यहां पर सुरक्षा को लेकर व्यवस्था पूरी तरह से नदारत रही।
देवेन्द्रनगर तहसील में गिरा सबसे ज्यादा पानी
जिले में पिछले चौबीस घण्टे के दौरान झमाझम बारिश लगभग सभी तहसीलों में हुई। २४ घण्टे के दौरान जिले की कुल औसत वर्षा ५१ मिमी रिकार्ड की गई और मानसून सत्र में अब तक जिले में अब तक ५८१.९ मिमी बारिश अब तक हो चुकी है। पिछले चौबीस घण्टे के दौरान शनिवार सुबह आठ बजे तहसीलों में रिकार्ड हुई बारिश में से सबसे ज्यादा देवेन्द्रनगर तहसील में ७७.५ मिमी तो सबसे कम शाहनगर तहसील में ३१.४ मिमी बारिश दर्ज हुई है। पन्ना तहसील में ५० मिमी, गुनौर में ५८.३ मिमी, अमानगंज में ६३.४ मिमी, पवई में ३५.६ मिमी, सिमरिया में ५३.२ मिमी, रैपुरा में ३२.४ मिमी तथा अजयगढ में ५७.२ मिमी बारिश रिकार्ड की गई है।
Created On :   14 Aug 2022 3:03 PM IST