रेमडेसिविर कालाबाजारी - आज बड़ा खुलासा कर सकती है एसटीएफ

Remdesivir black marketing - STF can make big disclosure today
रेमडेसिविर कालाबाजारी - आज बड़ा खुलासा कर सकती है एसटीएफ
रेमडेसिविर कालाबाजारी - आज बड़ा खुलासा कर सकती है एसटीएफ

दो डॉक्टरों के बाद अब फर्जी डिग्री बनाने वाला भी हिरासत में 
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
विक्टोरिया अस्पताल से अनुदान प्राप्त रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाजारी के मामले में पकड़े गए प्राइवेट हॉस्पिटल के दो डॉक्टरों की डिग्री फर्जी पाई गई है। सूत्रों के अनुसार आरोपी डॉक्टरों ने दमोह निवासी एक युवक से फर्जी डिग्री बनवाने की बात कबूल की थी, जिसके आधार पर दमोह पहुँचकर एक टीम ने फर्जी डिग्री बनाने वाले को भी हिरासत में ले लिया है। जानकारों के अनुसार अब यह मामला सिर्फ इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग का नहीं बल्कि फर्जी डिग्रियों के तथ्य जुडऩे से इसमें बड़े स्कैण्डल का खुलासा होने का अनुमान है। दमोह से पकड़े गए आरोपी से हुई पूछताछ के बाद एसटीएफ के रडार पर जबलपुर समेत आसपास के कई जिलों में प्राइवेट हॉस्पिटलों में काम कर रहे डॉक्टर्स आ चुके हैं। जिसको लेकर एसटीएफ मंगलवार को कोई बड़ा खुलासा करने की तैयारी में हैं। उल्लेखनीय है कि  रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में एसटीएफ ने विक्टोरिया के एक डाक्टर के ड्राइवर सहित दो लोगों को पकड़ा था। आरोपी, डॉक्टर की सील लगी पर्ची चुराकर उसमें फर्जी हस्ताक्षर करके अनुदान वाले इंजेक्शन निकलवाकर बेचते थे। आरोपियों ने अब तक आठ इंजेक्शन मार्केट  में 20 से 25 हजार रुपए में बेचने की बात कबूली है, एक आरोपी के घर से आधा दर्जन पर्चियाँ और जब्त की गई हैं। इस मामले में आशीष हॉस्पिटल के डॉ. नीरज साहू और इनफिनिटी हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉ. नरेन्द्र ठाकुर को रिमांड पर लेकर जब पूछताछ की गई तो दोनों ने विक्टोरिया अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर के ड्राइवर गोरखपुर हाऊबाग निवासी आनंद पटेल और संजीवनी नगर निवासी राहुल सेन के माध्यम से 8 रेमडेसिविर इंजेक्शन विक्टोरिया के स्टोर से निकलवाकर बेचने की बात कबूल की थी। एसटीएफ के जाँच दल को संदेह है कि अभी तक यह मामला 8 रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का है, लेकिन इसमें लंबा खेल हो सकता है। लिहाजा विक्टोरिया हॉस्पिटल से अप्रैल का रजिस्टर और मेडिकल कॉलेज में दर्ज सभी मरीजों की सूची की भी लिस्टिंग की जा रही है। इस बीच एसटीएफ द्वारा अभी तक पकड़े गए आरोपियों से रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाजारी संबंधी कुछ और जानकारियाँ भी प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। 
क्या है मामला 
 उल्लेखनीय है कि 19 अप्रैल को एसटीएफ ने गंगानगर गढ़ा निवासी सुधीर सोनी व राहुल विश्वकर्मा को 2 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़ा था। दोनों 19-19 हजार रुपए में इंजेक्शन बेच रहे थे। पूछताछ में दोनों ने  बताया था कि वे लोग इंजेक्शन संस्कारधानी हॉस्पिटल के पैथोलॉजिस्ट राकेश मालवीय से लेकर आए हैं। एसटीएफ ने राकेश को दबोचा था, जिसकी निशानदेही पर दीक्षितपुरा निवासी आशीष हॉस्पिटल के डॉ. नीरज साहू और विजय नगर निवासी लाइफ मेडिसिटी के डॉ. जितेंद्र सिंह ठाकुर को हिरासत में लिया था। जिनके कब्जे से दो इंजेक्शन और जब्त हुए थे। दोनों अस्पताल में भर्ती मरीजों का इंजेक्शन चुराकर बेचते थे। दोनों डॉक्टरों की फर्जी डिग्री मिलने पर अलग से एसटीएफ ने एफआईआर दर्ज की है। बाद में टीम ने नागपुर में कार्यरत बेलबाग फूटाताल निवासी डॉ. संगीता पटेल को भी गिरफ्तार किया था।
 

Created On :   29 Jun 2021 1:34 PM IST

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