रेमडेसिविर मिले लेकिन अभी भी डिमाण्ड से कम - इंजेक्शन के लिए अब भी मिन्नत का दौर ; कई बार चक्कर लगाने के बाद मिल पाते हैं 

Remedesvir received but still less than demand - still a round of injections
रेमडेसिविर मिले लेकिन अभी भी डिमाण्ड से कम - इंजेक्शन के लिए अब भी मिन्नत का दौर ; कई बार चक्कर लगाने के बाद मिल पाते हैं 
रेमडेसिविर मिले लेकिन अभी भी डिमाण्ड से कम - इंजेक्शन के लिए अब भी मिन्नत का दौर ; कई बार चक्कर लगाने के बाद मिल पाते हैं 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए अस्पतालों में अब भी मिन्नतों का दौर है। अस्पताल प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों से लेकर रेडक्रॉस और सप्लायर तक इंजेक्शन के लिए जद्दोजहद जारी है। इंजेक्शन अब पहले के मुकाबले में दावा किया जा रहा है कि सहजता से मिल रहे हैं लेकिन सच्चाई अब भी यही है कि इसका पूरा डोज मरीज को आसानी से नहीं लग पाता है। 6 इंजेक्शन के डोज के लिए परिजन यहाँ से वहाँ भटक रहे हैं। बीते दिन इस इंजेक्शन की 1800 की डिमाण्ड थी जिसमें से केवल कुछ सौ इंजेक्शन ही मिल सके। मंगलवार को लेकिन कुछ राहत मिली जिसमें  रेमडेसिविर के 3 हजार डोज जबलपुर पहुँचे हैं। बताया जा रहा है कि प्रतिदिन 3 दिनों तक एक हजार इंजेक्शन अलग-अलग अस्पतालों को  आगे दिये जायेंगे। और दिनों के मुकाबले यह संख्या अधिक जरूर लग रही है पर जरूरत के हिसाब से अब भी कम ही है। अस्पतालों में परामर्श दे रहे एक्सपर्ट  का कहना है कि जो इंजेक्शन अभी आये हैं ये डिमाण्ड के अनुपात में अब भी कम हैं। मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या, बढ़ते संक्रमण की वजह से इसकी माँग में कमी नहीं आई है। बीते कुछ दिनों तो इसकी माँग 2 हजार थी और आधे से कम ही मिल रहे थे अब सप्लाई की मात्रा बढ़ी है पर यह भी अभी डिमाण्ड के अनुपात में कम ही है। जब तक हर दिन 2 हजार इंजेक्शन नहीं मिलते इसकी कमी बरकरार रहने वाली है। 
इस बार क्यों ज्यादा आवश्यकता 
 दूसरी लहर का कोरोना वायरस पहले से ज्यादा घातक साबित हो रहा है। यह 5 से 6 दिनों के बुखार के बाद कई मरीजों का आधा लंग्स ही खत्म कर देता है। कई पीडि़त तो 75 से 80 फीसदी तक संक्रमण के बाद भर्ती होते हैं। इससे ज्यादा संक्रमण से घर में ही मौत हो रही है। लंग्स के डैमेज कन्ट्रोल करने के लिए हाईफ्लो ऑक्सीजन के साथ रेमडेसिविर की आवश्यकता बताई जा रही है। इसकी कमी होने पर कह दिया जाता है कि यह ज्यादा उपयोगी नहीं लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि यह किसी भी तरह के तर्क की बजाय अभी तक ज्यादा कारगर साबित हुआ है, इसलिए इसको संक्रमण बढऩे पर लगाया जाना चाहिए। 

Created On :   5 May 2021 3:28 PM IST

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