रेमडेसिविर - मरीजों की जान साँसत में रेडक्रॉस दफ्तर में देर रात तक कतार

Remedisvir - patients lives queue up late into the Red Cross office in the evening
रेमडेसिविर - मरीजों की जान साँसत में रेडक्रॉस दफ्तर में देर रात तक कतार
रेमडेसिविर - मरीजों की जान साँसत में रेडक्रॉस दफ्तर में देर रात तक कतार

हर तरफ मचा हाहाकार, अब यहाँ से वहाँ चक्कर लगा रहे मरीजों के परिजन, अस्पताल प्रबंधनों ने हाथ खड़े कर दिए, जिम्मेदारों के पास उत्तर नहीं
 डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना काल में जीवन रक्षक बने रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर चली आ रही किल्लत रविवार के दिन और ज्यादा बढ़ गई। अस्पताल में भर्ती मरीजों को जितने इंजेक्शन चाहिए थे उससे आधे भी शहर में उपलब्ध नहीं हुए। शहर के अलग-अलग  अस्पतालों में इस समय  सैकड़ों मरीज ऐसे हैं जिनको यह इंजेक्शन लगाना बेहद जरूरी है, लेकिन इसके अभाव में पीडि़तों का फेफड़ा और संक्रमण के दायरे में आता जा रहा है। रविवार को कलेक्ट्रेट स्थित रेडक्रॉस के फार्मेसी काउंटर में रात 9 बजे तक दर्जनों आदमी इस उम्मीद के साथ कतार में खड़े रहे कि उन्हें इंजेक्शन यहाँ से मिलेगा, लेकिन रेडक्रॉस फार्मेसी का बंद दरवाजा खुला तक नहीं। कलेक्ट्रेट परिसर में  दर्जनों लोग परेशान होते रहे। 
 इस समय सैकड़ों मरीजों की जान इसकी वजह से साँसत में है। प्रशासन ने जो टीम इस इंजेक्शन की सप्लाई और नियंत्रण के लिए बनाई है उन अधिकारियों के या तो फोन बंद हैं और जिनके चालू हैं उनके पास कोई उत्तर नहीं है। रेमडेसिविर की सप्लाई और डिमाण्ड चेन पूरी तरह से टूट चुकी है। हालत यह तक पहुँच गई है कि अब अस्पतालों में कंसल्टेंट मरीजों को सीधे पर्चे में इस इंजेक्शन का खुद प्रबंध करने के लिए लिखकर प्रिसक्राइब कर रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि फिलहाल स्थिति यह है कि शहर में इंजेक्शन यदि 100 मरीजों की चाहिए तो मुश्किल से 30 ही मिल रहे हैं। इंजेक्शन की कमी पीडि़तों की जान लेने उतारू है। 
पूरी निगरानी के लिए बनी टीम7 प्रशासन ने रेमडेसिविर के लिए अस्पतालों में सप्लाई को लेकर पूरी एक टीम बनाई है। इस टीम में ड्रग इंस्पेक्टर आवश्यकता और उपलब्धता बतायेंगे। इसके बाद दो एसडीएम को-ऑर्डिनेशन करेंगे। किसी तरह की कालाबाजारी होती है, ज्यादा कीमत वसूली जा रही है तो एक स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी इसमें जाँच करेगा। सीएमएचओ जबलपुर इस पूरी टीम पर निगरानी रखेंगे। किसी तरह से मरीजों को परेशानी न हो यह तय करेंगे। 
कब जरूरी है यह इंजेक्शन 
रेमडेसिविर एंटीवायरल इंजेक्शन विशेषज्ञों के अनुसार जब फेफड़ा 35 प्रतिशत से ज्यादा संक्रमित हो जाए तो इसके डोज की जरूरत पड़ती है। साथ ही ऑक्सीजन का स्तर यदि 90 से नीचे आ रहा है तो इसको लगाया जाना चाहिए। हर मरीज के लिए यह जरूरी नहीं है, लेकिन जिसको लगाना जरूरी है उसको समय पर मिलना भी आवश्यक है। 
दोपहर 12 बजे से इंतजार कर रहा हूँ 
रेडक्रॉस की फार्मेसी काउंटर की लाइन में लगे   सौरभ यादव ने बताया कि दोपहर 12 बजे से वह रेडक्रॉस के ऑफिस के बाहर खड़े हैं। काउंटर में बताया गया कि इंजेक्शन नहीं है, उम्मीदों के साथ अनेकों लोग यहाँ आ रहे हैं। श्री यादव ने बताया कि उसके चाचा एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं, हालत दयनीय है यह इंजेक्शन मिल जाए तो सुधार हो सकता है, पर यहाँ कतार में लगे रहने के दौरान कोई उत्तर नहीं मिला। अब कहाँ से इंजेक्शन लाएँ।
इनका कहना है
जिन्हें जरूरी नहीं है उन्होंने भी इस इंजेक्शन को लगवाया है।  सप्लाई और डिमाण्ड चेन बिगड़ी है जिसकी वजह से दिक्कतें आ रही हैं। सोमवार से इसकी कुछ हद तक परेशानी दूर हो जाएगी। हम हालात सामान्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 
-डॉ. रत्नेश कुरारिया, सीएमएचओ 
 

Created On :   19 April 2021 8:48 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story