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चार दिनों में दूर हो जाएगी रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत, स्वास्थ्य मंत्री का आश्वासन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत चार से पांचों दिनों में दूर हो जाएगी। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह जानकारी दी। गुरुवार को टोपे ने अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) के अफसरों के साथ ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर बैठक की। बैठक में अन्न व औषधि प्रशासन मंत्री राजेंद्र शिंगणे भी मौजूद थे।
पत्रकारों से बातचीत में टोपे ने कहा कि उत्पादक कंपनियों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की नई खेप जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर रोक लगी दी है। इसलिए केंद्र सरकार से निर्यात के लिए रोके गए रेमडेसिविर इंजेक्शन को महाराष्ट्र को देने की मांग की जाएगी। टोपे ने कहा कि हर जिले के निजी अस्पतालों में कोरोना के सक्रिय मरीजों के अनुपात में रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने का फैसला किया गया है। जबकि राज्य की महानगरपालिकाओं, स्वास्थ्य विभाग के अस्पताल और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन संबंधित विभाग की ओर से खरीद कर दिए जाएंगे।
भंडारा, सातारा व उस्मानाबाद में है कमी
टोपे ने कहा कि फिलहाल भंडारा, उस्मानाबाद और सातारा जिले को छोड़कर बाकी किसी सरकारी अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी नहीं है। टोपे ने कहा कि राज्य में प्रति दिन 1200 से 1400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा जे एस डब्ल्यू स्टील कंपनी से प्रति दिन 200 मीट्रिक टन अतिरिक्त ऑक्सीजन मिलेगा। टोपे ने कहा कि राज्य के हर जिले में 50 से अधिक बिस्तर वाले निजी अस्पतालों को अपने खर्चे से ऑक्सीजन प्लांट लगाना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में हवा से ऑक्सीजन तैयार करने के लिए प्लांट लगाने का विकल्प अधिक कारगर है।
कर्नाटक, छत्तीसगढ़ व गुजरात से ऑक्सीजन लाने की तैयारी
टोपे ने कहा कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को कर्नाटक, छत्तीसगढ़, गुजरात समेत चार से पांच राज्यों से ऑक्सीजन लाने की अनुमति दी है। राज्य सरकार इन राज्यों से ऑक्सीजन लाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीजों में से 10 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है।
Created On :   15 April 2021 8:23 PM IST