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केंद्र सरकार के कॉर्पोरेट मंत्रालय से मांगा जवाब, पूर्व मंत्री नितीन राऊत के चार्टर्ड विमान यात्रा मामला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्य के पूर्व ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत के चार्टर्ड विमान यात्रा से जुड़े मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार के कार्पोरेट मंत्रालय से जवाब मांगा है। यह याचिका भारतीय जनता पार्टी से जुड़े विश्वासन पाठक की ओर से दायर की गई हैं। याचिका में सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के आधार पर दावा किया गया है कि राऊत ने निजी उद्देश्य से चार्टर्ड विमान से जून से सितंबर 2020 के बीच यात्राएं की थी। इसलिए चार्टर्ड विमान यात्रा में खर्च किए गए 42 लाख रुपए का भुगतान राऊत को करने का निर्देश दिया जाए। हालांकि राऊत ने पिछली सुनवाई के दौरान हलफनामा दायर कर दावा किया था कि कोरोना काल में उन्होंने निजी नहीं बल्कि आधिकारिक कार्य के लिए चार्टर्ड विमान का इस्तेमाल यात्रा के लिए किया था। हलफनामे में राऊत ने कहा है कि राज्य के बिजली उपक्रम को चार्टर्ड विमान की यात्रा का बिल देने को लेकर लगाया गया आरोप आधारहीन है और यह आरोप राजनीति से प्रेरित है। हलफनामे में श्री राऊत ने महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रीसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के चेयरमेन रहते पद के दुरुपयोग के आरोप को भी आधारहीन बताया हैं। हलफनामें में राऊत ने कहा है कि मैंने मंत्री से जुड़े कर्तव्यों के निवर्हन के लिए नागपुर व रत्नागिरी में यात्रा की थी। ताकि कोरोना काल में बिजली आपूर्ति बाधित न हो और निसर्ग तुफान के चलते प्रभावित हुई बिजली की लाइन को तुरंत सामान्य किया जा सके।
सोमवार को यह याचिका मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान राऊत की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता दारयस खंबाटा ने कहा कि मामले को लेकर कोर्ट में जो याचिका दायर की गई है उसे जनहित याचिका नहीं माना जा सकता है। याचिकाकर्ता राजनीतिक पृष्ठभूमि से आते है। इस मुद्दे को लेकर पहले केंद्र सरकार के कार्पोरेट अफेयर मंत्रालय के पास एक शिकायत प्रलंबित है। कार्पोरेट मंत्रालय के सामने इस मामले की सुनवाई भी हुई है।
इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम इस मामले में केंद्र सरकार के मंत्रालय की प्रतिक्षा करेंगे। इस दौरान केंद्र सरकार के कार्पोरेट मंत्रालय की ओर पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि उन्हें इस मामले में जवाब देने के लिए थोड़ा समय दिया जाए। इसके बाद खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई 9 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
Created On :   10 Oct 2022 9:40 PM IST