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हिरण का रेस्क्यू : गड्ढे में गिरकर फंस गया था
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शौचालय के लिए खोदे गए गड्ढे में हिरण गिर गया। रात भर वह गड्ढे में ही रहा। सुबह गांव वालों को जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत वन विभाग को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद कड़ी मशक्कत कर हिरण को बाहर निकाला गया। डॉक्टर से जांच कराने के बाद उसे तुरंत ही जंगल में छोड़ दिया गया। जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह बेसा रोड स्थित घोगली गांव में एक घर के पीछे शौचालय के लिए गड्ढा खोदा गया था, जिस पर ढक्कन नहीं लगा था। रात में यहां एक हिरण गिर गया था। गड्ढा काफी गहरा होने से हिरण बाहर नहीं निकल सका। सुबह गांव के लोगों ने वन विभाग को जानकारी दी। सेमिनरी हिल्स स्थित ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर को इसकी जानकारी मिलते ही वनरक्षक नारायण मुसले, वनमजुर रवि मिटकरी, मदतगार बंडू मंगर घटनास्थल पर पहुंचे। हिरण को एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जाली की सहायता से बाहर निकाला गया, जिसके बाद डॉक्टर ने उसकी जांच की। किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं रहने से तुरंत उसे जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया गया। अंबाझरी परिसर के जैव-विविधता पार्क में छोड़ दिया गया।
जैव-विविधता पार्क में अब तक 6 हिरणों को छोड़ा गया : अंबाझरी परिसर में वन विभाग ने हाल ही में जैव-विविधता पार्क शुरू किया है। हरियाली से अच्छादित इस परिसर में लोगों को घूमने-फिरने की अनुमति है। यहां पहले से हिरण, खरगोश से लेकर तेंदुआ मौजूद हैं। ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर की ओर से यहां अब तक 6 हिरणों को छोड़ा गया है। शहर या शहर के बाहर से लाए जाने वाले इन हिरणों को यहां छोड़ा जा रहा है। जिससे यहां वन्यजीवों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
15 साल में 54 टंकी बनाईं: ओसीडब्ल्यू का बचाव करते हुए महापौर जोशी ने कहा कि कांग्रेस ने मनपा पर 55 साल राज किया। 55 साल में सिर्फ 15 पानी की टंकियां बनाईं। हमने 15 साल में 54 टंकी बना डालीं। अमृत योजना अंतर्गत और 30 पानी की टंकियां बनाने की योजना है। महाविकास आघाड़ी द्वारा आगामी चुनाव पर मनपा की सत्ता पर कब्जा करने के दावों पर महापौर जोशी ने कहा कि मुंगेरीलाल के हसीन सपने अच्छे हैं। वे सपना देखे। सालभर बाद पता चलेगा। उन्हें सपने देखने से किसने रोका है। शहर केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के नेतृत्व नई ऊंचाइयां छूता रहेगा। पत्र-परिषद में भाजपा अध्यक्ष व विधायक प्रवीण दटके, उपमहापौर मनीषा कोठे, सत्तापक्ष नेता संदीप जाधव, स्थायी समिति सभापति पिंटू झलके, भावी महापौर दयाशंकर तिवारी उपस्थित थे।
पूर्व आयुक्त तुकाराम मुंढे पर विकास कार्य रोकने का आरोप लगाते हुए महापौर जोशी ने कहा कि जब तक मुंढे थे, तब तक शहर में 9 एंबुलेंस, 15 हॉस्पिटल और 2 शववाहिका थी। उनके जाते ही शहर में 65 एंबुलेंस, 65 हॉस्पिटल और 9 शववाहिका हो गई। राधाकृष्णन बी. के सहयोग से इन कार्यों को गति मिली। लॉकडाउन लगने के बाद भी शहर में पूरी तरह एक्टिव रहा। 50 स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से 13 लाख से ज्यादा फूड पैकेट्स बांटे गए। 40 विस्थापितों को रोजाना 2 समय का भोजन दिया। शहर में फंसे 1221 विद्यार्थियों को भोजन बांटा। 1774 दिव्यांगों को राशन किट पहुंचाई। आईएमए के डॉक्टरों के साथ शुरू किया गया कोविड संवाद राज्य भर में प्रसिद्ध रहा। लगातार 1 नवंबर तक बिना थके काम किया। 1 नवंबर को विधानपरिषद चुनाव की आचारसंहिता लागू हुई। 3 को नतीजे आए और 6 को कोविड संक्रमण की चपेट में आ गया।
अपने 13 महीने के कार्यकाल में किए गए कार्यों को गिनाते हुए महापौर जोशी ने लंबी सूची पेश की। उन्होंने कहा कि महापौर बनने के बाद हार-फूल स्वीकार न करते हुए वह पैसा महापौर निधि में जमा करने का उपक्रम चलाया। वॉक एन्ड टॉक विथ महापौर उपक्रम के माध्यम से शहर के 36 उद्यानों में जाकर लोगों से संवाद साधा। वहां सूचना व शिकायत पेटी भी लगाई गई। 380 एनजीओ के साथ ब्रेक फास्ट विथ मेयर उपक्रम चलाया। सभी जोन में जनता दरबार लगाए। हैलो महापौर एप शुरू किया। स्वच्छता रैंकिंग में 58वें क्रमांक पर थे। शहर को बेहतर करने के लिए मम्मी पापा यू टू जैसी मुहिम चलाई। 3 लाख विद्यार्थियों ने इसमें भाग लिया। इसके बाद शहर स्वच्छता रैंकिंग में 18 क्रमांक पर पहुंचा। मेरे कार्यकाल में खाऊ गल्ली का उद्घाटन किया। लेकिन लॉकडाउन के बाद गली जैसे थे वैसे स्थिति में पहुंच गई। शहर के बाहर निजी बस स्टेशन शुरू करने की योजना थी। कोरोना के कारण वह नहीं हो पाया। चाहता था कि महापौर निधि सुलभ शौचालय के काम आए। इसकी फाइल भी बन गई थी। लेकिन तत्कालीन मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने इन कार्यों को आगे नहीं बढ़ाया।
Created On :   22 Dec 2020 4:57 PM IST