जलाशयों के निकट बने रेस्ट हाऊस पर्यटन विभाग को दिए जाएंगे

Rest houses near the reservoirs will be given to the tourism department
जलाशयों के निकट बने रेस्ट हाऊस पर्यटन विभाग को दिए जाएंगे
जलाशयों के निकट बने रेस्ट हाऊस पर्यटन विभाग को दिए जाएंगे

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राज्य के जलाशयों के निकट बने जल संसाधन विभाग के रेस्ट हाऊसों, सर्किट हाऊसों आदि भवनों को पर्यटन विभाग को सौंपे जाएंगे । इसके लिए राज्य शासन ने निर्णय ले लिया है। इस संबंध में जल संसाधन विभाग के सभी क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं से ऐसे भवनों की जानकारी मांगी गई है।

ज्ञातव्य है कि कुछ साल पहले राज्य शासन ने तवा डेम का रेस्ट हाऊस पर्यटन विभाग को सौंपा था तथा पर्यटन विभाग ने इसे पर्यटन निगम को दे दिया था। अब वहां पर्यटन निगम की सुसज्जित होटल चल रही है। हाल ही में शिवपुरी जिले में स्थित मड़ीखेड़ा बांध के पास निकट जल संसाधन विभाग के रेस्ट हाऊस को भी पर्यटन निगम को रिसार्ट बनाने हेतु सौंप दिया गया है। यही नहीं, इस रिसोर्ट को मड़ीखेड़ा बांध के जलाशय से पानी मिल सके, इसके लिए जल संसाधन विभाग के वृहद परियोजना नियंत्रण मण्डल भोपाल ने 0.00365 मिलियन घनमीटर वार्षिक (दस हजार लीटर प्रतिदिन) जल आवंटित किया है। इसके लिए पर्यटन निगम को एक माह का जलकर तथा उपकर जमा करना होगा तथा दो माह के जलकर एवं उपकर के बराबर की धरोहर राशि भी जमा करनी होगी।

जलाशयों के निकट बने विश्राम गृहों की जानकारी सभी मुख्य अभियंताओं से एक निर्धारित प्रपत्र में मांगी गई है। इसमें उन्हें जल संसाधन संभाग का नाम, जलाशय का नाम, जिले का नाम, कछार यानि कमाण्ड एरिया का नाम, सुविधा यानि विश्राम गृह में उपलब्ध आवासों की संख्या तथा इन विश्राम गृहों के संबंध में यदि कोई अभियुक्ति तो वह उल्लेखित करने के लिए कहा गया है।

इनका कहना है
‘‘हम जलाशयों के निकट बने अपने विश्राम गृहों को पर्यटन विभाग/निगम को कुछ निश्चित शर्तों पर देते हैं। इस शर्तों में यह भी शामिल रहता है कि इन विश्राम गृहों का रखरखाव पर्यटन निगम करेगा, जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के शासकीय दौरे पर आने पर उन्हें ठहरने में प्राथमिकता दी जाएगी और उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा आदि। अभी तवा एवं मड़ीखेड़ा के विश्राम गृह दिए जा चुके हैं तथा अब अन्य जलाशयों के विश्राम गृहों की जानकारी एकत्रित कर राज्य शासन को भेजी जाएगी और राज्य शासन ही इन्हें पर्यटन विभाग/निगम को हस्तांतरित करने का निर्णय लेगा।’’
एनके परिहार, अधीक्षण यंत्री, वृहद जल संसाधन भोपाल

Created On :   8 Aug 2018 4:38 PM IST

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