7 साल में आईआईएम ने 5 बार बढ़ाई फीस

Revealed in response to RTI - IIM increased fees 5 times in 7 years
7 साल में आईआईएम ने 5 बार बढ़ाई फीस
आरटीआई के जवाब में खुलासा 7 साल में आईआईएम ने 5 बार बढ़ाई फीस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ने बीते 7 वर्ष में कुल 5 बार अपने पीजीपी पाठ्यक्रम की फीस बढ़ाई है, लेकिन संस्थान यह बताने को तैयार नहीं है कि यह फीस किस आधार पर बढ़ाई गई है। अधिवक्ता संगीता थूल द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में पता चला है कि वर्ष 2015 में शुरू हुए इस संस्थान के पीजीपी पाठ्यक्रम की जो फीस 10 लाख रुपए थी, वही फीस आज 13 लाख 75 हजार रुपए है। आरटीआई में एड. थूल ने संस्थान से पूछा था कि आखिर उनकी फीस बढ़ाने के मानक और तौर तरीके क्या हैं? इस पर संस्थान ने उत्तर दिया है कि आरटीई अधिनियम की धारा 8(जे) के तहत यह मुद्दा जनहित का नहीं है, इसलिए यह जानकारी नहीं दी जा सकती।  

कब-कितनी बढ़ी फीस 
>2015-17 : 10 लाख
> 2016-18 : 10.78लाख
> 2017-19 : 11 लाख
>2018-20 :11.5 लाख
> 2019-21 :12.5 लाख
> 2020-22 :13.75 लाख
> 2021-23 :13.75 लाख  (कोई बदलाव नहीं)

फीस बढ़ाने के मापदंड बताए संस्थान

एड.संगीता थूल के मुताबिक संस्थान हाल के वर्षों में लगातार फीस बढ़ाता जा रहा है। वर्तमान में संस्थान की फीस बहुत ज्यादा है। ऐसे में प्रबंधन को बताना चाहिए कि वह किस आधार पर फीस बढ़ा रहा है। यह विषय जनहित का नहीं है, यह कह कर उसे टाला नहीं जा सकता। संस्थान के जवाब से तो यही लगता है कि अब यहां एक फीस नियामक मंडल होना चाहिए,जो फीस वृद्धि पर नियंत्रण रख सके। 

Created On :   5 May 2022 3:01 PM IST

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