कुपोषण मिटाने संबंधी कार्यक्रम की समीक्षा बैठक सम्पन्न कार्यक्रम की सफलता के लिए अधिकारी नियमित भ्रमण करे

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कुपोषण मिटाने संबंधी कार्यक्रम की समीक्षा बैठक सम्पन्न कार्यक्रम की सफलता के लिए अधिकारी नियमित भ्रमण करे

डिजिटल डेस्क, पन्ना। कलेक्टर श्री संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता में कुपोषण मिटाने संबंधी समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कलेक्टर श्री मिश्र ने निर्देश दिए कि जिला स्तर एवं खण्ड स्तर के अधिकारी नियमित ग्रामीण अंचलों का भ्रमण करें। भ्रमण के दौरान चिन्हित बच्चों के परिवारों से मुलाकात कर उन्हें बच्चों, किशोरी बालिकाओं, गर्भवती धात्री माताओं से सम्पर्क कर कुपोषण से मुक्ति के उपाय बताने के साथ-साथ आवश्यक होने पर उपचार की सुविधा उपलब्ध कराएं। बैठक में कलेक्टर श्री मिश्र ने कहा कि आंगनवाडी कार्यकर्ताओं एवं आशा कार्यकर्ताओं जो भी दवाएं दी जाती हैं उन दवाओं के संबंध में पूरी जानकारी का विवरण पत्र दिया जाए। प्रत्येक गर्भवती माता का हेल्थ कार्ड बनाया जाए जिसमें गर्भवती माता का पूरा विवरण, टीकाकरण, बच्चों को समय-समय पर दी गयी दवाओं संबंधी जानकारी के साथ समय-समय पर उनके स्वास्थ्य परीक्षण की जानकारी दर्ज की जाए। जिससे किसी भी गर्भवती माता या बच्चे को अनावश्यक दवा दिए जाने से रोका जा सके। जो भी दवाएं आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता को उपलब्ध कराई जाती हैं उन दवाओं के एक्पायरी होने पर उन्हें विनष्टीकरण के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को भेजने के निर्देश जारी किए जाएं। जिससे व्यवस्थित विनष्टीकरण किया जा सके। बैठक को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर श्री मिश्र ने कहा कि कुपोषण मिटाने के लिए चलाए जा रहे अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग संयुक्त रूप से प्रयास करें। यह कार्यक्रम दोनों विभागों को आपसी समन्वय के साथ संचालित करना चाहिए। बच्चों, गर्भवती माताओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, टीकाकरण के साथ पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाए। बैठक में बताया गया कि सितंबर से अक्टूबर माह के मध्य 516 कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन किया गया। इनमें 66 बच्चे ऐसे पाए गए जो बीमार थे और उन्हें पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराया गया। चिन्हित बच्चों को आवश्यकतानुसार दवाएं उपलब्ध कराई गयी। जिले में 2433 महिलाओं प्रथम प्रसव पूर्व जांच कराई गयी। किशोरी बालिकाओें 11 से 18 वर्ष तक आयु समूह की 45923 चिन्हित किशोरियों की जांच कराई गयी जिनमें 24455 किशोरी बालिकाओं की हिमोग्लोबिन जांच की गयी। इनमें 22260 किशोरियां सामान्य एवं 2195 बालिकाओं में रक्ताल्पता पायी गयी। जिन्हें आयरन फोलिक एसिड टेबलेट प्रदाय की गयी। जिले में 3478 नवविवाहित महिलाओं को चिन्हित किया गया। इनमें 3033 नवविवाहिताओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। स्वास्थ्य परीक्षण में 2786 महिलाओं का स्वास्थ्य सामान्य पाया गया। इनमें 254 नवविवाहिताओं में रक्ताल्पता पायी गयी, उन्हें आयरन फोलिक एसिड दवा दी गयी। इसी प्रकार जिले में 10416 धात्री माताओं को चिन्हित किया गया। इनमें स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान 909 महिलाओं में रक्ताल्पता पायी गयी, उन्हें आयरन फोलिक एसिड दवा दी गयी। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी द्वारा बताया गया कि ग्रामीण अंचलों में बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता नियुक्त हैं। उनके सहयोग से आंगनवाडी कार्यकर्ता, कुपोषित बच्चों, नवविवाहिता, धात्री माताओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यकतानुसार कार्यवाही करें। जिन बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्र भेजने की आवश्यकता है उन्हें केन्द्र में भर्ती कराया जाए। इसके अलावा गर्भवती माताओं जिनको उपचार की आवश्यकता है उन्हें चिकित्सालय में भर्ती कराएं। सम्पन्न हुई बैठक में सिविल सर्जन डॉ. व्ही.एस. उपाध्याय, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, समस्त परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास, समस्त सुपर वाईजर एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

Created On :   20 Nov 2020 9:48 AM GMT

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