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रेत वाहनों से जान का जोखित , सडक़ पर उतरे ग्रामीण- ठेकेदार की मनमानी, अधिकारियों ने कहा होगी जांच

डिजिटल डेस्क कटनी । जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण रेत खदानों में ठेकेदार की मनमानी के चलते ग्रामीण सडक़ पर उतर आए हैं। रविवार को बरही तहसील के रसवाड़ा गांव में ओव्हर लोड हाईवा को ग्रामीणों ने रोका और विरोध दर्ज कराया। ग्रामीणों का कहना था कि गांव के अंदर सीसी सडक़ से रेत के वाहन को गुजरने की जो छूट प्रशासन ने दी है। उससे ग्रामीणों की जान-जोखिम में है तो सडक़ों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है। परसवाड़ा के उमरार नदी में मशीने लगाकर एनजीटी के नियमों को ठेकेदार के कर्मचारी ताक में रख दिए हैं। इसके बावजूद कलेक्टर की संयुक्त टीम आंख बंद किए हुए है। जानकारी लगने पर तहसीलदार पहुंचे।
तीन मशीनों का उपयोग
यहां पर ठेका कंपनी ने तीन-तीन बड़ी मशीनें लगा रखी है। मशीनों की अनुमति किसने दी। इस बात की जानकारी यहां के अफसरों को नहीं है। परसवाड़ा में यह विवाद रेत खनन के बाद शुरु हुआ। ग्रामीण मौखिक रुप से अधिकारियों के सामने अपनी फरियादी बताते रहे लेकिन अफसर सब कुछ देखते रहे। जिसके बाद रविवार को ग्रामीण सडक़ पर उतरने को मजबूर हुए।
बगैर सीमांकन चालू खदान
राजस्व विभाग के सीमांकन कराए बगैर ही यहां पर रेत खदान चालू हो गया है। विरोध के बाद अब ठेका कंपनी की कई तरह से मनमानी उजागर हो रही है। गांव के आसपास ठेका कंपनी के कर्मचारी अपना डेरा जमाए हुए हैं। जो ग्रामीणों के बीच रौब दिखाने का भी काम करते हैं। ग्रामीणों का कहना रहा कि यदि प्रशासन इसी तरह से मूक दर्शक बना रहता है तो आगामी दिनों में ठेकेदार के कर्मचारी किसी ग्रामीण के साथ बड़ा विवाद कर सकते हैं।
जाजागढ़ में पकड़ा हाईवा
रात में रेत के अवैध परिवहन की जानकारी लगने पर संयुक्त टीम सडक़ों में उतरी। जाजागढ़ के समीप एक गिट्टी से भरा एक ओव्हर लोड हाइवा पकड़ा गया। ट्रक चालक ने टीपी दिखाया। जिसके बाद ओव्हर लोड में जुर्माने की कार्यवाही की गई है। गौरतलब है कि बरही क्षेत्र अरसे से खनिज पदार्थ के अवैध दोहन के लिए सुर्खियां बटोर रहा है।
इनका कहना है
परसवाड़ा में ग्रामीणों के प्रदर्शन की जानकारी लगी थी। दोपहर टीम के साथ ग्रामीणों के बीच पहुंचा गया, तब तक ग्रामीण शांत हो गए थे। रेत खदान में मशीनों का उपयोग नियमों के तहत किया जा रहा है, या फिर नियम विरुद्ध इसकी जानकारी खनिज विभाग के अधिकारी ही दे सकते हैं। ठेका कंपनी ने खदान का सीमांकन नहीं कराया है।
- एस.एन. त्रिपाठी, तहसीलदार
Created On :   16 March 2020 3:05 PM IST