तीन मील का पहाड़ काट कर बनाया रास्ता, गांव में बनी सड़कें, पक्के आवास

Road built by cutting a three-mile mountain, roads built in the village, paved accommodation
तीन मील का पहाड़ काट कर बनाया रास्ता, गांव में बनी सड़कें, पक्के आवास
तीन मील का पहाड़ काट कर बनाया रास्ता, गांव में बनी सड़कें, पक्के आवास

डिजिटल डेस्क मंडला। देश की  तरक्की सही मायने तभी होगी जब गांव का विकास होगा। ऐसा ही कुछ घुघरी जनपद के  गांव केंदोटोला में हो रहा है। दो साल पहले डायरिया से तीन ग्रामीणों की मौत के बाद चर्चा में आया यह गांव दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में बसा है। यहां के ग्रामीणों को छोटी से छोटी जरूरत के लिए पास के गांव जाने तीन मील का पूरा पहाड़ पार करना पड़ता था। जिसे काट कर अब रास्ता बनाया जा रहा है। गांव में सीसी सड़क,पेयजल की व्यवस्था बना दी गई है। इसके साथ आधा दर्जन ग्रामीणों के पीएम आवास भी तैयार हो रहे है। देर से ही सही ग्रामीणों की जिद पर प्रशासन ने गांव में मूलभूत सुविधाओं के रास्ते खोल दिए हैं।
 जानकारी  के अनुसार जनपद पंचायत घुघरी  के चुरिया  पंचायत के केंदोटोला में करीब 35 आदिवासी परिवार की सौ से अधिक आबादी है। वर्ष 2016 के जुलाई अगस्त माह में इस क्षेत्र में डायरिया फैल गया। जिसमें करीब आधा दर्जन से अधिक लोगो की मौत हो गई। पहाड़ी में बसे  केंदोटोला में तीन ग्रामीण इसलिए मौत की आगोश में समा गए कि यहां इलाज के लिए पहाड़ से नीचे उतरकर उपस्वास्थ केन्द्र पहुंचना मुश्किल था। यहां तक बारिश के दिनों में दूसरे गांव से सम्पर्क भी नहीं हो सकता। डायरिया के प्रकोप से चर्चा में आए केंदोटोला के ग्रामीणों की हालत देखकर तत्त्कालीन कलेक्टर ने इनके विस्थापन पर जोर दिया लेकिन ग्रामीणों को अपना जंगल और पहाड़ छोडऩा मंजूर नही रहा। अपनी जिद में अडें रहने के कारण सबसे पहले ग्रामीणों को पीने के पानी की व्यवस्था बनाई गई। जिस झिरिया के पानी को मवेशी के साथ ग्रामीण पीने के लिए उपयोग करते रहे है। उसे सुरक्षित कर तकनीकी रूप से ट्रीट किया गया। करीब साल भर बीतने के बाद के जिला प्रशासन ने मुख्य मार्ग से लगे गांव चोबा टोला, चलनी,चीता पखना से पहाड़ को काटते हुए मार्ग बनाया है। जिससे अब गांव तक मशीने व वाहन पहुंचने लगेे हं।
इनका कहना है---
जिले के कुछ गांव ऐसे हैं जिनमें आज भी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। पहाड़ी- जंगल होने के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए रास्ते नहीं है। जिससे  पंचायते काम नहीं करा पाती। ऐसे गांव में जोडऩे के लिए काम किया जा रहा है। जिससे  ग्रामीणों को लाभ मिल सकें।
एसएस रावत, जिप सीईओ.
डायरिया के प्रकोप के बाद कई प्रशासिनक अधिकारी पहुंचे। केंदोटोला पहुंचने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लगातार प्रयास और जिप सीईओ की पहल पर आज गांव में सड़क पानी आवास बन पाए।
अरविंद शराम, जनपद सदस्य.

 

Created On :   28 March 2018 4:55 PM IST

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