सरकारी खजाने से ससुर के खेत तक बना दी सड़क - एसडीओ ने पकड़ी गड़बड़ी, 11 लाख् रुपए की होगी वसूली

Road made from government treasury to father-in-laws farm - SDO caught a mess, to recover Rs 11 lakh
सरकारी खजाने से ससुर के खेत तक बना दी सड़क - एसडीओ ने पकड़ी गड़बड़ी, 11 लाख् रुपए की होगी वसूली
सरकारी खजाने से ससुर के खेत तक बना दी सड़क - एसडीओ ने पकड़ी गड़बड़ी, 11 लाख् रुपए की होगी वसूली

डिजिटल डेस्क  कटनी । जब सैंया भय कोतवाल तो डर काहे का, इस कहावत को तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन इस कहावत को बहोरीबंद जनपद पंचायत के पथराडी पिपरिया में सचिव बहू ने पूरी तरह से चरितार्थ कर दिखाया। सचिव ने नियमों के विपरीत जाकर उस मार्ग में 11 लाख रुपए की सड़क मनरेगा से बना दी। जिस मार्ग के दोनों तरफ खेत ही नहीं रहे। सुदूर सड़क का अंतिम छोर सचिव के ससुर जानकी पटेल के खेत में समाप्त होता था। जांच में अनियमितता पाए जाने पर सीईओ बहोरीबंद ने प्रधान/सचिव और रोजगार सहायक को इसमें दोषी पाया है। सात दिन के अंदर शासन के खजाने में व्यय की गई राशि को जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं।
तीनों से होगी वसूली
इस वित्तीय अनियमितता में जांच अधिकारी ने पंचायत के प्रधान, सचिव भागवती पटेल और रोजगार सहायक को भी दोषी पाया है। तीनों के नाम जारी आदेश में कहा गया है कि राशि 11 लाख 25 हजार 230 रुपए का भुगतान संयुक्त रुप से सरपंच, पंचायत सचिव और रोजगार सहायक द्वारा कराया गया है। इसलिए यह तीनों की जिम्मेदारी है कि सात दिनों के अंदर मनरेगा नोडल एकाउंट में राशि जमा कराते हुए रसीद जनपद कार्यालय में जमा कराएं।
यह रहा पूरा मामला
पंचायत में मनरेगा योजना के तहत सुदूर/खेत सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली तो पंचायत के सचिव ने ग्यारह लाख रुपए की लागत से अपने ससुर जानकी पटेल को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाते हुए उनके खेत तक सड़क बनवा दी। जिसमें पंचायत के प्रधान और रोजगार सहायक ने भी हामा भर दी। मामला पूरी तरह से पंचायत के ही कर्मचारी के रिश्तेदार का रहा तो अन्य पंचायत प्रतिनिधि भी पीछे हट गए और यहां पर नियम विरुद्ध सड़क का निर्माण कर दिया गया। ग्रामीणों को इसकी जानकारी लगी तो सीधे अधिकारियों से शिकायत की। एसडीओ एसके पाण्डेय ने जांच में यह पाया कि संभवत: सचिव ने ससुर को व्यक्तिगत लाभ देने के लिए ही सड़क का निर्माण कराया है।  गौरतलब है कि इस संबंध में गा्रमीणों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि एक तरफ जहां ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ पंचायत के पदाधिकारी रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए नियम विरूद्ध काम कर रहे है। सैकड़ों किसानों की अनदेखी करते हुए एक किसान को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों को दरकिनार कर दिया।
 

Created On :   6 Oct 2020 10:01 AM GMT

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