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खजूर की जगह फलों से रोजा अफ्तार बिना शीरमाल-पराठा के होगी सेहरी!
डिजिटल डेस्क जबलपुर । पवित्र रमजान का महीना 25-26 अप्रैल से आरंभ होने वाला है। इस पर भी लेकिन लॉकडाउन का असर रहने वाला है। अभी यही संभावना है कि लॉकडाउन कोरोना संक्रमण फैलने पर जल्द खत्म होता भी नहीं दिख रहा है। इन हालातों में रमजान में बंदों को सेहरी में शीरमाल-पराठा, सेवइयाँ और अफ्तार में खजूर मिलना मुश्किल है। लॉकडाउन खुलने को लेकर अनिश्चितता होने से अब तक थोक कारोबारियों ने खजूर, शीरमाल-पराठा, बेकरी सामग्री, फैनी सेवइयाँ के ऑर्डर नहीं दिए हैं। बेकरी की दुकान बंद होने से एक तरह से सप्लाई संभव ही नहीं दिख रही है। ऐसी हालत में रमजान में अफ्तारी के वक्त दस्तरख्वान पर शीरमाल-पराठा, फैनी, खजूर और सेवइयाँ दिखाई देना मुश्किल ही है और ऐसे हालात पहली बार होंगे। अब इन हालातों में इनके विकल्प के रूप में रोजदार फल और घरों में मौजूद खाद्य सामग्रियों का ही उपयोग करेंगे।
कारीगर न होने से कारखाने बंद
जानकारों का कहना है कि कारखाने लेबर नहीं होने से बंद हो गए हैं। बेकरी खोलने की अभी कोई अनुमति नहीं है। गौरतलब है कि जबलपुर से ही आसपास के जिलों में भी यहाँ तक कि पूरे महाकोशल के जिलों में रमजान के महीनों के द्वारा ऐसी सभी सामग्री सप्लाई अधिक मात्रा में होती है। जानकारों का कहना है िक रमजान में ही बेकरी आइटम और सिवइयाँ का कारोबार करोड़ों रुपए का होता है। स्थानीय स्तर पर बेकरी का सामान बनाने के अलावा अहमदाबाद और दिल्ली से भी इन्हें मँगाया जाता है।
Created On :   23 April 2020 2:43 PM IST