लॉकडाउन में बढ़े बुजुर्गों की आत्महत्या के मामले, 31 फीसदी बढ़ोतरी 

RTI - Elderly suicide cases 31 percent increased in Lockdown
लॉकडाउन में बढ़े बुजुर्गों की आत्महत्या के मामले, 31 फीसदी बढ़ोतरी 
आरटीआई लॉकडाउन में बढ़े बुजुर्गों की आत्महत्या के मामले, 31 फीसदी बढ़ोतरी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन के दौरान बुजुर्गों की आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। सूचना अधिकार कानून (आरटीआई) से मिली जानकारी के मुताबिक महानगर में वरिष्ठ नागरिकों के आत्महत्या के मामलों में 31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2019 की तुलना में 2020 में वरिष्ठ नागरिकों की खुदकुशी की ज्यादा घटनाएं सामने आई हैं। आरटीआई कार्यकर्ता जीतेंद्र घाडगे ने मुंबई पुलिस से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी थी। मुंबई पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में कुल 1282 लोगों ने आत्महत्या की। यानी हर रोज औसतन तीन लोगों ने मौत को गले लगाया। जबकि 2019 में यह आंकड़ा 1229 था। 18 से 60 साल आयु की महिलाओं में आत्महत्या की घटनाओं में 13 फीसदी की कमी आई है। 

वर्ष 2019 में ऐसी 312 महिलाओं ने आत्महत्या की थी, 2020 में यह आकड़ा घट कर 269 हो गया। पर 18 से 60 साल के पुरुषों में आत्महत्या का प्रमाण 14 प्रतिशत बढ़ गया। वर्ष 2019 में यह आकड़ा 715 था, जो 2020 में बढ़ कर 816 हो गया। आंकड़े बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान हुए आर्थिक नुकसान, बेरोजगारी आदि से पुरुष ज्यादा मानसिक तौर से परेशान हुए। इन आकडे को देखे तो लॉकडाउन का सर्वाधिक असर बुजुर्गों पर पड़ा है। लॉकडाउन के दौरान जहां बुजुर्ग महिलाओं की आत्महत्या के मामलों में 60 फीसदी बढ़ोतरी दिखाई दी, वहीं बुजुर्ग पुरुषों की आत्महत्या का आकड़ा भी 21 फीसदी बढ़ा। 

वर्ष 2019 में जहां 23 बुजुर्ग महिलाओं ने आत्महत्या की थी, वहीं 2020 में यह आंकड़ा बढ़ कर 37 हो गया। 2019 में 69 बुजुर्ग पुरुषों ने खुदकुशी थी, 2020 में यह आंकड़ा बढ़ कर 84 हो गया। 

बच्चों की आत्महत्या में 13 फीसदी की कमी 

अच्छी बात यह रही कि कोविड लॉकडाउन के दौरान छोटे बच्चों की आत्महत्या की घटनाओं में 13 फीसदी की कमी आई है। घाडगे कहते हैं कि इसका कारण यह हो सकता है कि लॉकाउन के कारण बच्चे हमेशा माता-पिता की नजरों के सामने थे। ‘दी यंग विसलब्लोअर फाउंडेशन’ के संयोजक जीतेंद्र घाडगे का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बेहद प्रभावित हुआ पर केंद्र व राज्य सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। लॉकडाउन के चलते निम्न मध्यवर्गीय पुरुषों की हालत बेहद खराब हुई है। 

वर्ष            महिला     पुरुष

2019          312      715

2020          269     816

Created On :   27 Sept 2021 6:22 PM IST

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