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बजट सत्र की हंगामेदार शुरुआत, राज्यपाल के अभिभाषण में जमकर हुआ हंगामा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानमंडल बजट सत्र की हंगामेदार शुरुआत हुई। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जमकर हंगामा हुआ। राज्यपाल कोश्यारी अपना भाषण ही नहीं पढ़ पाए। कयास लगाया जा रहा था कि गुरुवार से शुरु हो रहा महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट अधिवेशन हंगामेदार होगा। बजट सत्र में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार प्रदेश के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक के इस्तीफे को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच संघर्ष अटल है। इस बीच प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटील ने साफ कर दिया था कि विपक्ष कुछ भी कर ले पर मलिक इस्तीफा नहीं देंगे।
बजट सत्र के दौरान सदन में सरकार को घरने के लिए बुधवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में भाजपा के विधायकों की बैठक महिला आर्थिक विकास मंडल के सभागार में हुई थी। इस बैठक के बाद विपक्ष ने बजट सत्र की पूर्व संध्या पर राज्य सरकार की ओर से आयोजित चायपान के बहिष्कार की घोषणा की। बजट अधिवेशन की शुरुआत गुरुवार से होगी।
राज्य में दाऊद को समर्पित सरकार
विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा कि मंत्री मलिक का इस्तीफा नहीं लेने की महाविकास आघाड़ी की भूमिका का मतलब है कि राज्य में दाऊद को समर्पित सरकार है। हमने दाऊद का इतना समर्थन करने वाली सरकार इससे पहली कभी नहीं देखा। फडणवीस ने कहा कि सरकार मलिक का इस्तीफा न लेकर एक विशेष समाज को संदेश देने की कोशिश कर रही है। सरकार धुव्रीकरण करने का प्रयास कर रही है। इसलिए शिवसेना के तत्कालीन वन मंत्री संजय राठोड से इस्तीफा तुरंत ले लिया गया था। पर मलिक को अभयदान दिया जा रहा है। फडणवीस ने कहा कि मलिक ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबों से जमीन का सौदा किया है। मलिक को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। मुझे आश्चर्य है कि शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार मलिक के साथ खड़ी है। फडणवीस ने कहा कि बजट सत्र में विपक्ष मलिक के इस्तीफे की मांग पर अड़ा रहेगा। इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष सदन में संघर्ष करेगा। फडणवीस ने कहा कि ईडी के हिरासत में होने के बावजूद मलिक मंत्री पद पर बने हुए हैं।
सदन में करुंगा खुलासेः फडणवीस
फडणवीस ने कहा था कि यह संविधान का उल्लंघन है। फडणवीस ने कहा कि मलिक की तरह अन्य मंत्रियों की आंतकी फंडिंग में संलिप्तता के बारे अभी कुछ नहीं बोलूंगा लेकन मैं बजट सत्र में कुछ खुलासे जरूर करूंगा। फडणवीस ने कहा कि जिस सरकार में दाऊद के प्रति संवेदना रखने वाले लोग बैठे हैं ऐसी सरकार की चाय पीने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के दौरान विपक्ष की भूमिका सदन चलाने की होगी। लेकिन सदन चलाने के लिए सरकार को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
उपमुख्यमंत्री के आश्वासन की कोई कीमत नहीं रही
फडणवीस ने कहा कि राज्य में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के आश्वासन की कोई कीमत नहीं है। राज्य के किसान बिजली कनेक्शन काटे जाने से बेहाल हैं। उपमुख्यमंत्री ने पिछले अधिवेशन में कहा था कि किसानों का बिजली कनेक्शन नहीं काटा जाएगा। लेकिन अब किसानों के बिजली कनेक्शन काटने के लिए स्पर्धा लगी हुई नजर आ रही है। फडणवीस ने कहा कि राज्य के ऊर्जा मंत्री नितीन राऊत ने कहा है कि बिजली बिल का भुगतान नहीं करने वालों का विद्युत कनेक्शन काट दिया जाएगा। इससे सरकार का अहंकार झलकता है।
महाराष्ट्र झुकेगा नहीं पर अहंकारियों को झुकाएगा जरूर
फडणवीस ने कहा कि महाविकास आघाड़ी के नेता और मंत्री केंद्र सरकार के खिलाफ अन्याय करने का आरोप लगाते हुए हमेशा एक ही डायलाग मारते हैं कि ‘महाराष्ट्र दिल्ली के तख्त के आगे कभी नहीं झुकेगा।’ लेकिन दाऊद के आगे झुक जाएंगे। फडणवीस ने कहा कि महाविकास आघाड़ी मतलब महाराष्ट्र थोड़ी है? दाऊद से सौदा करने वाले अपने आप को महाराष्ट्र कैसे कह सकते हैं? राज्य की 12 करोड़ जनता महाराष्ट्र है। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र झुकेगा नहीं लेकिन महाविकास आघाड़ी के अंहकारियों को जरूर झुकाएगा। यह महाराष्ट्र और छत्रपति शिवाजी महाराज की ताकत है।
राज्य में चरम पर भ्रष्टाचार
फडणवीस ने कहा कि महाविकास आघाड़ी के शासनकाल में राज्य में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है। राज्य के इतिहास में सबसे ज्यादा भ्रष्टचारी सरकार के रूप में महाविकास आघाड़ी का नाम लिखा जाएगा। भ्रष्टाचार की हालत यह है कि चपरासी अपने साहब से रिश्वत मांगते हुए कहता है कि आपको भ्रष्ट तरीके से 15 लाख रुपए मिले हैं। जिसमें मुझे आपने 2 लाख रुपए क्यों नहीं दिए। अधिकारी ठेकेदारों से बचने के लिए बंदूक का लाइसेंस मांगते हैं। फडणवीस ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है।
मराठा और ओबीसी आरक्षण
फडणवीस ने कहा कि बजट अधिवेशन में मराठा आरक्षण और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज राज्यसभा सांसद छत्रपति संभाजी राजे के सामने मराठा समाज की मांगों के लिए अनशन पर बैठने की नौबत आई थी। यह सरकार का असंवेदनशीलता को दर्शाता है। फडणवीस ने कहा कि ओबीसी समाज के लिए शुरु किए गए महाज्योति संस्था को विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के लिए राशि उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। सरकार महाज्योति संस्था को बंद करना चाहती है। फडणवीस ने कहा कि आदिवासी विभाग को पेसा की निधि नहीं मिल रही है। राज्य के सामाजिक न्याय विभाग की योजनाओं के लाभर्थियों को अनुदान नहीं मिल पा रहा है।
बेवड़ों को सर्मपित सरकार
फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार हर मोर्चे पर फेल हो गई है। सरकार केवल शराब उत्पाद करने वाला घटक सरकार के करीब लगता है। राज्य में बेवड़ों को सर्मपित सरकार है। सरकार ने शराब और वाइन उत्पादकों के लिए लॉकडाउन से लेकर अभी तक कई फैसले लिए हैं। इस बीच पूर्व की भाजपा सरकार में राज्य के सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग (आईटी) के ठेके में 25 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के आरोपों पर फडणवीस ने कहा कि यदि सरकार के पास कोई सबूत है तो कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि सरकार को एसटी महामंडल को राज्य सरकार में विलय के लिए सुझाव देने वाली समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए।
Created On :   3 March 2022 3:32 PM IST