स्कूलों में चपरासियों की भत्ते पर नियुक्ति का सत्ताधारी विधायक ने किया विरोध 

Ruling MLA protested against the appointment of peons in schools
स्कूलों में चपरासियों की भत्ते पर नियुक्ति का सत्ताधारी विधायक ने किया विरोध 
स्कूलों में चपरासियों की भत्ते पर नियुक्ति का सत्ताधारी विधायक ने किया विरोध 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधान परिषद में सत्ताधारी राकांपा के विधायक विक्रम काले ने महाविकास आघाड़ी सरकार के प्रदेश के निजी मान्यता प्राप्त अनुदानित स्कूलों में चपरासियों की भत्ते पर नियुक्ति करने के संबंध में जारी शासनादेश का विरोध किया है। मंगलवार को सदन में राकांपा सदस्य काले और निर्दलीय सदस्य किरण सरनाईक ने औचित्य का मुद्दा के जरिएसरकार से शासनादेश को रद्द करने की मांग की। इस पर सदन के सभापति रामराजे नाईक-निंबालकर ने सरकार को उचित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। सदन मेंकाले ने कहा कि स्कूली शिक्षा विभाग ने निजी अनुदानित स्कूलों के सेवकों 52 हजार पदों को रद्द करके उसके बजाय भत्ते पर नियुक्ति करने का फैसला किया है। इस कारण चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को अब सरकारी नियुक्ति नहीं हो सकेगी। सरकार को शासनादेश को वापस लेना चाहिए। जबकि सरनाईक ने कहा कि सरकार ने शासनादेश रद्द नहीं किया तो 18 दिसंबर को सभी शिक्षा संस्थानों को बंद करके इसके विरोध में आंदोलन किया जाएगा। 

क्या है शिक्षा विभाग का शासनादेश  

सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग ने सोमवार को राज्य के निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्टाफिंग पैटर्न के संबंध मंं शासनादेश जारी किया था। इसके अनुसार निजी अनुदानित स्कूलों में चपरासी, चौकीदार, नाईक समेत अन्य पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर संबंधित पद लैप्स हो जाएगा। इसके बाद चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के पद के बजाय स्कूलों में चपरासी पद पर भत्ते पर नियुक्ति की जाएगी। चपरासियों को स्कूलों के विद्यार्थी संख्या के आधार पर भत्ते दिए जाएंगे। 

Created On :   15 Dec 2020 6:44 PM IST

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